मानव नेत्र तथा रंग विरंगा संसार human eye and colorful world कक्षा 10वीं के विज्ञान पाठ 10 अति महत्वपूर्ण प्रश्न NCERT हल

 मानव नेत्र तथा रंग विरंगा संसार - कक्षा 10वीं के विज्ञान पाठ 10 अति महत्वपूर्ण प्रश्न  NCERT हल  


1. मानव नेत्र का नामांकित चित्र बनाइये | 

उत्तर - 


2. दूर दृष्टि एवं निकट दृष्टि को समझाइये एवं चित्र सहित निवारण बताइये 

उत्तर - दीर्घ - दूर दृष्टि दोष - 

दीर्घ या दूर दृष्टि को दूर दृष्टिता भी कहते हैं दीर्घ दृष्टि दोषयुक्त कोई व्यक्ति दूर की वस्तुओं को तो स्पष्ट देख सकता है ,परंतु निकट रखी वस्तुओं को सुस्पष्ट नहीं देख पाता है ऐसे दोषयुक्त व्यक्ति का निकट बिंदु सामान्य निकट बिंदु [ 25 cm] से दूर हट जाता है 

ऐसे व्यक्ति को आराम से सुस्पष्ट पढ़ने के लिए पठन सामग्री को नेत्र से 25 cm से काफी अधिक दूरी पर रखना पड़ता है इसका कारण यह है कि पास रखी वस्तु से आने वाली प्रकाश किरणें दृष्टिपटल के पीछे  फोकसित होती है 

निकट दृष्टि दोष - 

निकट दृष्टि दोष को निकटदृष्टिता [ near sightedness ] भी कहते हैं निकट दृष्टि दोषयुक्त कोई व्यक्ति निकट रखी वस्तुओं को तो स्पष्ट देख सकता है परंतु दूर रखी वस्तुओं को वह सुस्पष्ट नहीं देख पाता | ऐसे दोषयुक्त व्यक्ति का दूर बिंदु अनंत पर न होकर नेत्र के पास आ जाता है ऐसा व्यक्ति कुछ मीटर दूर रखी वस्तुओं को ही सुस्पष्ट देख पाता है 

निकट दृष्टि दोषयुक्त नेत्र में किसी दूर रखी वस्तु का प्रतिबिंब दृष्टिपटल के सामने बनता है 

3. कोलाइड विलयन में प्रकास के प्रकीर्णन का आरेख बनाइये ?

उत्तर - 




4. प्रकाश के तीन मूल रंगो [ लाल ,हरा, नीला ] से बनने विभिन्न रंगो का चित्र द्वारा समझाइये ?

उतर - 



हरा + नीला  = मोरपंखी   >
लाल + नीला = मेजेण्टा    >   मिश्र रंग 
लाल + हरा = पीला   >

पीला + नीला   = श्वेत   > 
मेजेण्टा + हरा =  श्वेत   >       पूरक रंग 
मोरपंखी + लाल = श्वेत   >

5. प्रिज्म से श्वेत  प्रकाश का वर्ण विक्षेपण का चित्र बनाइये तथा पर्दे पर प्राप्त होने वाली विभिन्न रंगो की किरणों की स्थिति प्रदर्शित कीजिए ?

उत्तर - जब श्वेत प्रकाश को प्रिज्म से गुजारते है तो निर्गत किरणों के द्वारा बनाया गए सात रंगो के समूह को श्वेत प्रकाश का वर्णक्रम कहते हैं इसमें निर्गत सात रंगो का क्रम निम्नलिखित है 

1. बैंगनी  2. जामुनी  3. नीला  4. हरा  5. पीला  6. नारंगी  7. लाल 


6. किसी अंतरिक्ष यात्री को आकाश नीले की अपेक्षा काला क्यों प्रतीत होता है ? 

उत्तर -   क्योंकि अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी से इतनी अधिक ऊचाई पर होता है की उन तक प्रकीर्णित नहीं पहुँच पाता इसलिए उन्हें आकाश नीले की अपेक्षा काला प्रतीत होता है 


7. तारे क्यों टिमटिमाते हैं 

उत्तर - तारों के प्रकाश के वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण ही तारे टिमटिमाते प्रतीत होते हैं तारे बहुत दूर हैं ,अतः  प्रकाश के बिंदु स्त्रोत के सन्निकट हैं क्योंकि तारों से आने वाली प्रकाश किरणों का पथ थोड़ा थोड़ा परिवर्तित होता रहता है

 अतः तारे की आभासी स्थिति विचलित होती रहती है तथा आँखों में प्रवेश करने वाले तारों के प्रकाश की मात्रा झिलमिलाती रहती है जिसके कारण कोई तारा कभी चमकीला प्रतीत  तो कभी धुंधला ,जो कि टिमटिमाहट का प्रभाव है | 


8. सूर्योदय या सूर्यास्त क समय सूर्य  रक्ताभ क्यों प्रतीत होता है 

उत्तर - सूर्योदय के समय सूर्य से आने वाली प्रकाश किरणों को वायुमंडल में वायु की मोटी परतों से गुजरना पड़ता है इससे प्रकाश का प्रकीर्ण अधिक होता है 

लेकिन लाल रंग के प्रकाश का प्रकीर्ण नहीं हो पाता इसलिए हमारी आँखों में लाल रंग की प्रकाश की किरणें ही पहुंच पति हैं इसलिए सूर्योदय के समय सूर्य रक्ताभ प्रतीत होता है|    


9. नेत्र की  समंजन क्षमता से क्या अभिप्राय है 

उत्तर - नेत्र की समंजन क्षमता - " नेत्र द्वारा निकटस्थ से लेकर दूरस्थ वस्तुओं को सुस्पष्ट रूप से देखा जा सकता है यह नेत्र लेंस की फोकस दूरी को समायोजन करने से सम्भव होता है नेत्र की इस समायोजन क्षमता को नेत्र की समंजन क्षमता कहते हैं 


10. वर्ण  विक्षेपण किसे कहते हैं 

उत्तर - जब सूर्य का प्रकाश प्रिज्म से होकर गुजरता है तो वह अपवर्तन के पश्चात् प्रिज्म के आधार की ओर  झुकने साथ साथ विभिन्न रंगो के प्रकाश में बँट जाता है इस प्रकाश से प्राप्त रंगो  समूह को वर्णक्रम कहते है तथा श्वेत प्रकाश को अपने अवयवी रगों में विभक्त होने की क्रियाओं वर्ण विक्षेपण कहतें है | 


11. प्रकाश का प्रकीर्णन किसे कहते है?

उत्तर - प्रकाश का प्रकीर्णन - " वायु में उपस्थित धुआँ एवं धूल के कणों के कारण प्रकाश के विभिन्न रंग वायुमंडल में बिखर  जाते हैं प्रकाश की यह घटना प्रकाश का प्रकीर्णन कहलाती है " 


12. हमें वर्षा होने  बाद ही आकाश में इंद्रधनुष क्यों देखते है ?

उत्तर - वर्षा के समय जो जल की बुँदे हैं वे एक प्रिज्म का कार्य करती हैं जिसमे वे प्रकाश का वर्ण विक्षेपण करके वर्णक्रम प्रदान करती है जो धनुषाकार होता है इसलिए हम वर्षा के बाद ही इंद्रधनुष देखते हैं | 


13. स्वच्छ आकाश नीला क्यों दिखाई देता है ?

उतर -  जब सूर्य का प्रकाश वायुमंडल से गुजरता है तब वायु के सूक्ष्म कणों द्वारा कम तरंग दैध्र्य वाले प्रकाश के वर्ण जैसे  नीले वर्ण का प्रकीर्णन हो जाता है , प्रकीर्णन हुआ नीला रंग हमारे नेत्रों में प्रवेश करता है जिसके कारण हमें आकाश  नीला दिखाई देता है | 

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