अनुवांशिकता - Heredity -
1. आनुवंशिकता क्या है आनुवंशिक लक्षण किन्हें कहते हैं ?
उत्तर - " जीवधारियों में पीढ़ी विभिन्न लक्षणों का संचरण आनुवंशिकता कहलाता है ये लक्षण आनुवंशिक लक्षण कहलाते है
विज्ञान की वह शाखा जिसमें आनुवंशिकता लक्षणों उनके संचरण एवं कारणों का अध्ययन किया जाता है ,अनुवांशिकी कहलाती है
2. गुण सूत्र क्या होते है | इसके कार्य लिखिए
उत्तर - गुणसूत्र - सभी यूकैरियोटिक कोशिकाओं के केन्द्रक में स्थित लम्बी धागेनुमा पतली संरचनाएँ जिनका आनुवंशिक पदार्थ कोशिकाद्रव्य में स्वतंत्र रूप से न रहकर केन्द्रक में कुछ विशिष्ट संरचनाओं के रूप में व्यवस्थित होते हैं गुणसूत्र कहलाते हैं
गुणसूत्र का कार्य एवं महत्त्व -
1. आनुवंशिकी में महत्वपूर्ण भूमिका निर्वहन करना
2. शरीर की संरचना एवं क्रियाशीलता में महत्वपूर्ण भाग लेना है
3. गुणसूत्र के प्रतिकृतिकरण में संतति बनती है जो कि कोशिकाओं में पहुँचकर नए जीवों का निर्माण करते हैं
3. मेंडाल के निमयों के महत्व समझाइये
उत्तर - मेंडल के नियम वंशगतिकी की प्रक्रिया को समझाने हेतु अत्यधिक महत्वपूर्ण है | ये नियम जीवों के मध्य विभिन्न प्रकार की समानताओं व असमानताओं का कारण व्यक्त करते हैं
पीढ़ी दर पीढ़ी होने वाले लक्षणों की वंशगतिकी की की इन्ही नियमो द्वारा व्याख्या की जाती है |
4. मेंडल के प्रभावित के नियमो को समझाइये
उत्तर - प्रभावित का नियम इस नियम अनुसार जब विपरीत लक्षणों वाले किसी जोड़े में आपस में क्रास कराया जाता है तो पहली पीढ़ी में केवल प्रभावी गुण या लक्षण दिखाई देते है
उदाहरण - लम्बे पौधे बौने पौधे कराने पर
5. मेंडल के पृथक्करण का नियम लिखिए
उत्तर - जब एक जोड़ा विपरीत लक्षणों को एक संकर में साथ साथ लाया जाता है तो ये एक दूसरे से बिना मिश्रित हुए साथ साथ रहते हैं तथा युग्मको के निर्माण के समय ये पूर्ण शुध्द रूप से अलग हो जाते है इसे ही पृथक्करण का नियम कहते हैं
6. जीन के प्रमुख चार कार्य लिखिए |
उत्तर -
> यह आनुवांशिकता की इकाई होती है।
> ये प्रोटीन निर्माण में भी सहायता देते है।
> जीवों के लक्षणों का निर्धारण करते है !
> ये DNA एवं RNA के कार्यो का नियंत्रण करते है।
> सूचना प्रेषण करते हैं
7. मनुष्य में बच्चे का लिंग निर्धारण कैसे होता है
उत्तर - मानव के सभी गुणसूत्र पूर्णरूपेण युंग नहीं होते हैं मानव में अधिकतर गुणसूत्र माता और पिता के गुणसूत्रों के प्रतिरूप होते हैं इनकी संख्या 22 जोड़े हैं परन्तु एक युग्म जिसे लिंग सूत्र कहते हैं जो सदा पूर्णजोड़े में नहीं होते स्त्री में गुणसूत्र पूर्ण युग्म होता है तथा दोनों ' X ' कहलाते हैं लेकिन पुरुष में यह जोड़ा परिपूर्ण जोड़ा नहीं होता जिसमें एक गुण सामान्य आकार का 'X ' होता है तथा दूसरा गुणसूत्र छोटा होता है जिसे ' Y ' गुणसूत्र कहते हैं अतः स्त्रियों में 'XX' तथा पुरुष में 'XY' गुणसूत्र होते हैं क्या अब हम X और Y का वंशानुगत पैटर्न पता कर सकते है
आधे बच्चे लड़के एवं आधे लड़की हो सकते हैं सभी बच्चे चाहे वह लड़का हो अथवा लड़की हो अपनी माता से 'X ' गुणसूत्र प्राप्त करते हैं अतः बच्चो को अपने पिता से 'X ' गुणसूत्र वंशानुगत हुआ है वह लड़की एवं जिसे पिता से 'Y' गुणसूत्र वंशानुगत होता है वह लड़का
मनुष्य में बच्चे का लिंग निर्धारण |
8. मेंटल द्वारा प्रयोग के लिए मटर के पौधे का चुनाव किया गया क्यों ?
उत्तर - मेंटल ने अपने प्रयोगों के लिए मटर के पौधे का चुनाव इसलिए किया क्योकिं -
> मटर का पौधा आसानी से उपलब्ध हो जाता है
> मटर का पौधा साल में बड़े और अधिक परागण क्षमतावान होते है जिससे इसके परागण को आसानी से किया जा सकता था
> मटर के पौधों आसानी से बड़े हो जाते थे और इनका अध्ययन करना भी अत्यधिक सरल था
9. एक शंकर क्रास एवं द्विसंकर क्रास क्या है
उत्तर - एक संकर में एक ही लक्षण वाले जीव के अलग अलग गुणों का अध्ययन किया जाता है, जबकि द्विसंकर में दो विपर्यसी लक्षणों का अध्ययन किया जाता है।
एक संकर में ऐसे जीव होते हैं, जिनमें एक ही जीन स्थल पर युग्म विकल्पी विषम युग्मनजी होता है। जबकि द्विसंकर में ऐसे जीव आते हैं, जिनमें दो जीव स्थल पर युग्मविकल्पी अलग-अलग होते हैं।
एक संकर जीव केवल एक ही लक्षण के आधार पर भिन्न होते हैं, जबकि द्विसंकर अलग-अलग लक्षणों के आधार पर भिन्न होते हैं।
10. मेण्डल के प्रयोग से कैसे पता चला कि विभिन्न लक्षण स्वतंत्र रूप से वंशानुगत होते है
उत्तर - मेंडल के प्रयोग में F1 पीढ़ी के सभी पौधे लम्बे थे तथा पुनः F1 पीढ़ी के दो पौधों का संकरण किया गया, तब F2 पीढ़ी के पौधे या तो लम्बे या बौने थे। लम्बे तथा बौने का अनुपात 3 : 1 था। कोई भी पौधा बीच की ऊँचाई का नहीं था। अर्थात् लंबे/बौनेपन का लक्षण स्वतंत्र रूप से वंशानुगत होते हैं।
11. समयुग्मजी एवं विषमयुग्मजी में अंतर बताइये
उत्तर - 1. इसमें एक कारक अर्थात जीन के दोनों युग्म विकल्पों समान होते हैं जैसे - tt या TT
2. जनन के समय एक ही प्रकार के युग्मक बनाते हैं
3. इन समयुग्मजी पौधों में जब स्व - परागण प्रजनन होता है तब संतति जनकों के सम लक्षणी व समजीनी प्रकार की होती है
विषमयुग्मजी -
1. इसमें एक कारक के दोनों युग्म विकल्पी समान नहीं होते अर्थात अलग अलग होते हैं जैसे - Tt
2. दो अलग अलग प्रकार के युग्मक बनते हैं
3. इनमें स्व परागण होने पर संतति में प्रभावी व अप्रभावी दोनों विपयार्सी लक्षण संततियों में व्यक्त होते हैं
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