कृषि कक्षा 10वीं पाठ 4 भूगोल सामाजिक विज्ञान अति महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर - Agriculture Class 10th Chapter 4 Geography Social Science Very Important Questions and Answers

 कृषि कक्षा 10वीं पाठ 4 भूगोल सामाजिक विज्ञान  अति महत्वपूर्ण  प्रश्न उत्तर -


1. जूट को सुनहरा रेशा क्यों कहा जाता है 

उत्तर - जूट को भारत का सुनहरा रेशा कहा जाता है इसका कारण यह है कि जूट का रेशा सोने की तरह चमकीला होता है  जूट की फसल बाढ़ के मैदानों में जलनिकास वाली उर्वरक मिट्टी में उगाई जाती है जहाँ हर वर्ष बाढ़ से आई नै मिट्टी जमा होती रहती है इसके बढ़ने से समय उच्च तापमान की आवश्यकता होती है पश्चिम बंगाल बिहार असम और ओडिशा तथा मेघालय जूट के मुख्य उत्पादक राज्य हैं 


2. स्थानांतरण कृषि या झूमिंग कृषि क्या है इसे किन राज्य में किया जाता है ?

उत्तर - यह कर्तन दहन प्रणाली कृषि है किसान जमीन के टुकड़े साफ करके उन पर अपने परिवार के भरण पोषण के लिए अनाज व अन्य खाद्य फैसले उगते हैं जब मृदा की उर्वरकता कम हो जाती है तो किस उन भूमि के टुकड़ों से स्थानांतरित हो जाते हैं और कृषि के लिए भूमि का दूसरा टुकड़ा साफ करते हैं 

कृषि के लिए इस प्रकार स्थानांतरण से प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा मिट्टी की उर्वरक शक्ति बढ़ जाती है क्योंकि किसान उर्वरक तथा अन्य आधुनिक तकनीक का प्रयोग नहीं करते इसलिए इस प्रकार की कृषि में उत्पादकता कम होती है

 देश के विभिन्न भागों में इस प्रकार की कृषि को निम्न नाम से जाना जाता है उत्तर पूर्वी राज्यों असम मेघालय मिजोरम और नगालैंड में इसे झूठ कहा जाता है मणिपुर में पामलू  और छत्तीसगढ़ बस्तर जिले और अंडमान निकोबार द्वीप समूह में दीपा कहा जाता है| 


3. खरीफ एवं रबी फसल के नाम के साथ दोनों में अंतर बताइये ?

उत्तर - खरीफ -

> यह ऋतु मानसून के आगमन के साथ ही शुरू होती है 

> इसकी  प्रमुख फसलें चावल ज्वार बाजरा मक्का कपास पटसन और मूँगफली आदि हैं 

> इन फसलों के पकने में कम समय लगता है 

> इन फसलों का प्रति हैक्टेयर उत्पादन कम होता है 

> ये फसलें सितम्बर - अक्टूबर में काटी जाती हैं 

रबी -

> यह फसल मानसून ऋतु के बाद शरद ऋतु के साथ शुरू होती है 

> इसकी मुख्य फसलें गेहूँ जौ ,चना, सरसों और अलसी हैं 

> इन फसलों के पकने में अपेक्षाकृत अधिक समय लगता है | 

> इन फसलों का प्रति हैक्टेयर उत्पादन अधिक होता है

> ये फसलें  मार्च अप्रैल में काटी जाती हैं 


4. गेहूं एवं  चावल के लिए उपयुक्त मिट्टी एवं जलवायु की दशाओं की तुलना कीजिए | 

उत्तर - चावल और गेहूँ की तुलना - 

चावल -

1. चावल मुख्यता : उष्ण व आर्द्र मानसूनी प्रदेश की उपज है।  

2. चावल के लिए बोते समय 20c  से और बढ़ते समय 24c से तथा पकते समय 27c  से तापमान की आवस्य्क्ता होती हैं। 

3. चावल के लिए उपजाऊ चिकनी या चीका - दोमट मिट्टी की आवशयकता होती है जिससे धान की जड़े बंधी रहे और पौधा खड़ा रह सके।  

4. चावल के लिए वार्षिक वर्षा 150 से 200 सेमी आवशयकता आवश्यक है।  इससे कम वर्षा वाले भागों में यह सिंचाई के सहारे बोया जाता है।    


 गेहूँ -

1. गेहूँ शीतोष्ण कटिबंधीय उपज हैं। 

2. गेहूँ के लिए बोते समय 15c से. तथा पकते समय ऊँचा तापमान 20c  से 25c  से. होना आवश्यक है।   

3.  गेहूँ के लिए दोमट मिट्टी और चिकनी मिटटी उत्तम होती है।  काली मिट्टी में भी गेहूँ  होता है  

4. गेहू के लिए साधारण वर्षा 50 से 70 सेमी वार्षिक होनी चाहिए। तेज हवाएँ और बादल हानिकारक है।  


5. वाणिज्य कृषि एवं रोपण कृषि की विशेषताएँ लिखिए - 

उतर -  वाणिज्य कृषि एवं रोपण कृषि निम्न - 

वाणिज्य कृषि - 

1. यह कृषि लाभ के उद्देश्य से की जाती है।  

2. इसमे अधिक पैदावार वाले बीजों का प्रयोग किया जाता है 

3. रासायनिक खादों व कीटनाशक का प्रयोग कर उच्च पैदावार करना होता है।  


रोपण कृषि - 

1. इस कृषि का क्षेत्र लम्बा चौड़ा होता है, व्यापक क्षेत्र में की  जाती है।  

2. इसमें  अधिक पूंजी की आवश्यकता तथा अधिक श्रम की भी जरुरत होती है। 

3. इसमें प्राप्त सारा उत्पादन उद्दोगों के लिए कच्चे माल के रूप में लाया जाता है। 

   उदाहरण - चाय, काफी, रबड़, नारियल।  


6. हरित क्रांति एवं श्वेत क्रांति को समझाइये

उत्तर -

 हरित क्रांति - 

हरित क्रांति की शरुआत 1960 और 1970 के दशक में हुई।  इस क्रांति का मुख्य उद्देश्य था कृषि उपज को बढ़ाना।  इस क्रांति में नई टेक्नोलॉजी और अधिक उपज देने वाली बीजो के इस्तेमाल पर जोर दिया गया।  हरित क्रांति के परिणाम सुखद आये खासकर पंजाब और हरियाणा में। 

श्वेत क्रांति - 

श्वेत क्रांति ( ऑपरेशन फ्लड ) की शुरुआत दूध के उत्पादन को बढ़ाने के लिए हुई। 

उत्तम नस्ल के अधिक दुग्ध देने वाले पशुओ पर विशेष गया है जिससे देश बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके।   



7. प्रारम्भिक जीविका निर्वाह कृषि क्या है -

उत्तर - 

प्राम्भिक जीविका निर्वाह कृषि भारत के कुछ भागों में अभी भी की जाती है।  यह कृषि भूमि के छोटे टुकड़ों पर आदिम कृषि औजारों, जैसे - लकड़ी के हल, डाओ (dao ) और खुदाई करने वाली छड़ी तथा परिवार या समुदाय श्रम की मदद से की जाती है।  इस प्रकार की कृषि प्रायः मानसून, मृदा की प्राकृतिक उर्वरता और फसल उगाने के लिए अन्य पर्यावरणीय परिस्थतियो की उपयुक्ता पर निर्भर करती है।  यह 'कर्तन दहन प्रणाली' कृषि है।  किसान जमीन के टुकडे साफ़ करके उन पर अपने परिवार के भरण - पोषण के लिए अनाज व अन्य फैसले उगाते है।

  

8. गहन जीविका कृषि क्या है गहन जीविका कृषि के किन्ही तीन लक्षणों को लिखिए - 

उत्तर - गहन जीविका कृषि उन क्षेत्रों में की जाती है जहा भूमि पर जनसंख्या का प्रभाव अधिक होता है।  यह श्रम - गहन खेती है जहा अधिक उत्पादन के लिए अधिक मात्रा में जैव - रासायनिक निवेशों और सिंचाई का प्रयोग किया जाता है।  

गहन कृषि के लक्षण -  

1. वर्ष भर में एक से अधिक फैसले प्राप्त की जाती है।  

2.  अच्छे बीजो का प्रयोग काने से अधिक उत्पादन होता है और गहनता में वृद्धि होती है। 

3. कृषि में यंत्रो का प्रयोग से कृषि सम्बन्धी अनेक कार्यों को शीघ्रता से निपटाया जा सकता है।  

 

9. भारत में मोटे अनाज के विषय में बताइये -

उत्त्तर -  ज्वार, बाजार और रागी भारत में उगाये जाने वाले मुख्य मोटे आनाज है।  यद्यपि इन्हे मोटा अनाज कहा जाता है, किन्तु इनमे पोषक तत्वों मात्रा अत्यधिक होती है।  उदाहरण के लिए, रागी में प्रचुर मात्रा में लोहा, कैल्सियम, सूक्षम पोषक और भूसी मिलती है।  

1. ज्वार - क्षेत्रफल और उत्पादन की दृष्टि से ज्वार देश की तीसरी महत्वपूर्ण खाद्दान फसल है यह वर्षा फसल वर्षा पर निर्भर होती है। 

उत्पादक राज्य - महाराष्ट, कर्नाटक, आंधप्रदेश और मध्यप्रदेश है। 

2. बाजरा - यह बुलई और उथली काली मिट्टी पर उगाया जाता है यह खरीफ की फसल है।  

उत्पादक राज्य - राजस्थान, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट, गुजरात और हरियाणा है। 

3. रागी - रागी शुष्क प्रदेशो की फसल है और यह लाल, काली, बुलई, दोमट और उथली काली मृदा पर अछि तरह उगायी जाती है। 

उत्पादक राज्य - कर्नाटक, हिमांचल प्रदेश, उत्तराखंड 

4. मक्का -  इस फसल का उपयोग खाद्दान व चारा दोनों रूप में होता है।  यह खरीफ की फसल है। 

उत्पादक राज्य - कर्नाटक, मध्य्प्रदेश, उत्तरप्रदेश, बिहार 


10. भारत सरकार द्वारा किसानो के हित में कौन से सुधार कार्यक्रमों किये गए

उत्तर -  भारत सरकार द्वारा किसानो के हित में कौन से सुधार कार्यक्रम निम्न है - 

1. जोतों की चकबंदी, सहकारिता तथा जर्मीदारी आदि समाप्त करने को प्राथमिकता दी गयी।  प्रथम पंचवर्षीय योजना भूमि सुधार मुख्य लक्ष्य था।  

2. 1980 तथा 1990 के दशकों में व्यापक भूमि विकास कार्यक्रम शुरू किया गया जो संस्थागत और तकनीकी सुधार पर आधारित था।  

3. किसानों के लाभ के लिए भारत सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड और व्यक्तिगत दुर्घटना  बीमा योजना (पीएआईएस) भी शरू की है।   

4. किसानों को बिचौलिया से बचाने के लिए न्यूनतम सहायता मूल्य और महत्वपूर्ण फसलों के लाभदायक खरीद मूल्यों की सरकार घोषणा करती है। 


 11.  जायद  ,पेय फसलों के कुछ नाम बताइये ?

उत्तर - 

> रेशेदार फसल - कपास, जूट, सन

> पेय फसल - चाय कहवा और कोको 

> जायद फसल - तरबूज,खरबूज, खीरे, सब्जि 


12. भारत में दालों की भौगोलिक दशाएँ एवं उत्पादक राज्यों के नाम बताइए - 

उत्तर - भारत डालो का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है शाकाहारी खाने में दालें सबसे अधिक प्रोटीनदायक होती हैं 

प्रमुख दालों के नाम - तुअर उड़द , मूँग मसूर मटर और चना भारत की मुख्य दलहनी फसलें हैं 

दाल की प्रमुख भौगोलिक दशाएँ

दालों को काम नमी की आवश्यकता होती है और इन्हें शुष्क परिस्थितियों में भी उगाया जा सकता है इन फसलों को आमतौर पर अन्य फसलों के आवर्तन में बोया जाता है 

फलीदार फसलें होने के नाते अरहर को छोड़कर अन्य सभी दालें वायु से नाइट्रोजन लेकर भूमि की उर्वरता को बनाए रखती हैं  

दालों के प्रमुख उत्पादक राज्य के नाम - 

मध्य प्रदेश राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश,और कर्नाटक, दाल के प्रमुख राज्य हैं 









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