मोहन यादव के बारे में जानिए Know about Mohan Yadav new cm madhya pradesh

 डॉ. मोहन यादव एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वह वर्तमान में मध्य प्रदेश के नामित 19वें मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत हैं। वह 2013 से मध्य प्रदेश विधान सभा के सदस्य के रूप में उज्जैन दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं


वह 2013 में पहली बार उज्जैन दक्षिण सीट से विधायक बने। 2018 के मध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव में वह एक बार फिर निर्वाचित हुए और उज्जैन दक्षिण सीट से विधायक बने। उन्होंने मप्र के शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया।


2 जुलाई 2020 को उन्होंने श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री [2] के रूप में शपथ ली। 11 दिसंबर 2023 को, भाजपा विधान सदस्यों की बैठक में, उन्हें मध्य प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री के रूप में घोषित किया गया।





मोहन यादव के बारे में जानिए -

मोहन यादव ने माधव विज्ञान कॉलेज से पढ़ाई की। वे अखिल भारतीय काउंसिल काउंसिल के नगर मंत्री के समर्थन धारक हैं।

मोहन 1982 में छात्र संघ के सह-सचिव भी चुने गये थे।

वे भाजपा की राज्य परियोजना के सदस्य और सदस्य सिंहस्थ मध्य प्रदेश की केंद्रीय समिति के सदस्य, मध्य प्रदेश विकास प्राधिकरण के प्रमुख, पश्चिम रेलवे बोर्ड में सलाहकार समिति के सदस्य भी रह चुके हैं।

2013, 2018 के बाद अब वे 2023 में भी मज़हब दक्षिण विधानसभा सीट पर चुनावी नामांकन क्षेत्र हैं।

उत्तर :


वर्ष 1997 में मोहन यादव भाजपा युवा मोर्चा प्रदेश समिति के सदस्य बने।


विधानसभा चुनाव 2023 में मोहन यादव तीसरी बार विधायक बने।


यादव पिछली सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री थे।


 स्वयं सेवक संघ की शाखा में पूर्व सांसद मोहन यादव और अब मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री राजनीति की नई इबारत लिखेंगे। संघ की शाखा से निकले मोहन यादव मध्य प्रदेश के 19 वें और भारतीय जनता पार्टी और जनवादी पार्टी से, यूक्रेन के मुख्यमंत्री के रूप में जल्द ही शपथ लेंगे।

 उनके शपथ ग्रहण समारोह को अंतिम रूप दिया गया। यादव पिछली सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री थे। वे अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत छात्र नेता के रूप में करते थे। काउंसिल काउंसिल में मुसाफ़िर नगर मंत्री रहते थे वे कई छात्र आंदोलनकारी थे।


मोहन यादव के राजनीतिक जीवन की शुरुआत साल 1982 में हुई थी। इस वर्ष वे माधव विज्ञान कॉलेज छात्रसंघ के सह-सचिव बने थे। इसके दो साल बाद यानी साल 1984 में वे माधव विद्या कॉलेज के अध्यक्ष बने। वर्ष 1984 में उन्हें अखिल भारतीय परिषद् के नगर मंत्री का पद मिला। 

इसके बाद वे मध्य प्रदेश, अखिल भारतीय छात्र परिषद के सह मंत्री और राष्ट्रीय उद्यमों के सदस्य भी रह रहे हैं। प्लास्टिक पर रहने के बाद मोहन यादव का नाता संघ से टूर। वे 1993 से 1995 तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के सह खण्ड कार्यवाह के रूप में अपने अनुयायी दी।


RSS में विभिन्न पदों पर रहने के बाद उन्हें अब रक और बड़ी जिम्मेदारी मिली। साल 1997 में इस बार उन्हें बीजेपी युवा मोर्चा की प्रदेश समिति में जगह मिली।

 इसके एक साल बाद 1998 में वे वेस्ट रेलवेबोर्ड की सलाहकार समिति के सदस्य भी बने। साल 2004 से 2010 तक मोहन यादव को एक और बड़ी जिम्मेदारी मिली। इस दौरान मोहन यादव को मुस्लिम विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया गया।

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