साझेदारी फर्मो के लिए लेखांकन : मूल तत्व Accounting for Partnership Firms: Basics | mppsc की कराधान सहायक परीक्षा fact sajhedari lekhankan

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Accounting for Partnership Firms: Basics



12th लेखांकन के पाठ 1 के अति महत्वपूर्ण 55  प्रश्न एक शब्द में उत्तर ,सत्य असत्य ,विकल्प ,रिक्त स्थान ,सही जोड़ी आदि का सम्पूर्ण समावेश है | इसे करके आप अपने इस पाठ का संपूर्ण पुनरावलोकन कर सकते है | 

हमारा विश्वाश है की यदि आप इसे परीक्षा के पहले तैयार कर लेते हैं तो आपके परीक्षा में आने वाले सारे प्रश्न इनमे से बनने चाहिए | 

यह लेख किसी भी commercial exam ,taxaition assistant, accountant exam को भी ध्यान रख कर तैयार किया गया है | यह mppsc की कराधान सहायक परीक्षा के साझेदारी वाली यूनिट के हिसाब से तैयार किया गया है | 






1. समूहीकरण की प्रकृति को व्यावसायिक भाषा में क्या  कहते हैं 

उत्तर - साझेदारी 

2. श्रेष्ठ सहयोगी को व्यापार मे कहते हैं -

उत्तर - साझेदार

3. जब दो या दो से अधिक व्यक्ति किसी समझौते के अनुसार वैधानिक व्यापार को चलाने के लिए सामूहिक रूप से तैयार हो जाता है  उसे कहते हैं 

उत्तर - साझेदारी 

4. हमारे देश मे साझेदारी व्यवसाय भारतीय साझेदारी अधिनियम -------- द्वारा शासित होती है |  

उत्तर - 1932 

5. साझेदारी को भारतीय साझेदारी अधिनियम 1932 के किस धारा पर परिभाषित किया गया है 

उत्तर - धारा 4 

6. साझेदारी व्यवसाय का जन्म पारस्परिक अनुबन्ध से होता है | 

उत्तर - सत्य 

7. साझेदारी का स्वरुप कैसा हो सकता है | 

उत्तर - लिखित 

8. साझेदारों  का लाभ हानि होता है | 

उत्तर - निश्चित

9. साझेदारी मे  लाभ हानि अनुपात निश्चित नही है ,तो लाभ हानि अनुपात ----------

उत्तर - समान 

10. साझेदारी संलेख के अभाव में लाभ हानि का विभाजन होता है | 

उत्तर - समान अनुपात में 



11. साझेदारी  मे दो या दो से अधिक व्यक्तियों का होना है | 

उत्तर - अनिवार्य / आवश्यक 

12. व्यापार  चलाते हुए भी व्यापार मे कोई समझौता नही होता तो वह क्या माना जायगा | 

उत्तर - संयोग 

13. साझेदारी संलेख लिखित  एवं मौलिख दोनों हो सकता है | 

उत्तर - सत्य 

14. कंपनी  अधिनियम 2013 की धारा 46, 4[1] के अनुसार साझेदारी फर्म में साझेदारों की अधिकतम संख्या से कितनी हो सकती है|

उतर - 100 

15. कम्पनी नियम 2014  के अनुसार किसी भी प्रकार के साझेदारी व्यवसाय में वर्तमान में साझेदारों की अधिकतम संख्या कितनी है | 

उत्तर - 50 तक 

16. साझेदारी का अनिवार्य अंग है | 

उत्तर - लाभ हानि विभाजन 

17. साझेदारी के चालू खाते का शेष हमेशा होगा | 

उत्तर - साझेदार के चालू खाते का शेष dr. य cr. दोनों 

18. साझेदारी अधिनियम कब बना | 

उत्तर - 1932 में 

19. साझेदारी अधिनियम संख्या कम्पनी अधिनियम  द्वारा कितनी की जा सकती या बढ़ाई जा सकती | 

उत्तर - 100 तक 

20. साझेदारी फर्म अनुबंध होने के बाद क्या कहलाती है | 

उत्तर - संस्था    







21. साझेदारी व्यवसाय में साझेदारों के मध्य पारस्परिक सम्बन्ध या समझौता होना आवशयक है | 

उत्तर - सत्य 

22. साझेदारी अनुबंध किसी बैध व्यवसाय को चलाने के लिए होना चाहिए | 

उत्तर - सत्य 

23. साझेदारों का दायित्व होता है | 

उत्तर - असीमित 

24. क्या फर्म  के दायित्व के भुगतान पर फर्म की सम्पति पर्याप्त न होने पर साझेदारों की निजी सम्पति का प्रयोग किया जा सकता है | 

उत्तर - सत्य / हाँ 

25. प्रत्येक  साझेदार फर्म का --------- माना जाता है | 

उत्तर - एजेण्ट 

26. साझेदारी मे  साझेदार बिना अन्य साझेदारों की सहमति से व्यवसाय से अपना भाग या अंश किसी अन्य व्यक्ति को  हस्तांतरण नहीं कर सकता | 

उत्तर - सत्य 

27. साझेदारी फर्म  का पंजीयन फर्म की स्थापना के समय किया जा सकता है या स्थापना के पश्चात् कभी भी व्यवसाय  जारी रखते हुए किया जा सकता है | 

उत्तर - सत्य 

28. साझेदारी फर्म का पंजीयन अनिवार्य है या ऐच्छित | 

उतर - ऐच्छित

29. साझेदार के अधिकार में वयवसाय मे भागीदारी का अधिकार होता है  | 

उत्तर - सत्य 

30. कोई साझेदार फर्म मे विचार रखने का क्या अधिकारी होता है | 

उत्तर - सत्य 



31. कोई साझेदार को फर्म मे खाते व पुस्तके देखने का अधिकार नहीं होता | 

उत्तर - असत्य 

32. साझेदार अपने द्वारा किए गए भुगतानों की क्षतिपूर्ति पाने का अधिकार रख सकते हैं | 

उत्तर - सत्य 

33. साझेदार द्वारा फर्म को प्रदान अग्रिम या ऋण पर -------- वार्षिक की दर से व्याज प्राप्त कर सकते हैं| 

उत्तर - 6 %

34. एक ऐसा प्रपत्र है जिसमें व्यवसाय संचालित करने वाले सभी पक्षकारों के अधिकार व् दायित्व का विस्तार से वर्णन होता है |

उत्तर - साझेदार संलेख 

35. साझेदारों के कर्तव्य अधिकार व्यवसाय संचालन के नियम प्रवेश पृथक होने की शर्ते आदि का उल्लेख होता है | उत्तर - साझेदारी संलेख में 

36. समस्त साझेदारो  को व्यवसाय संचालन मे मार्गदर्शन का कार्य करता है | 

उत्तर - साझेदारी संलेख 

37. साझेदारो  के आपसी विवाद को हल करने में सहायक है |

उत्तर - संलेख 

38. साझेदारी संलेख लिखित --------- है  | 

उत्तर - प्रपत्र 

39. यदि साझेदारों के मध्य कोई लिखित अथवा मौखिक अनुबंध नही हुआ है तो उनके आपस के सम्बन्ध किस नियमो के अनुसार निश्चित होंगे | 

उत्तर - साझेदारी अधिनियम के द्वारा 

40. साझेदार संलेख के आभाव मे भारतीय साझेदारी अधिनियम 1932 के कौन सी धारा लागू होती है | 

उत्तर - धारा 13 से 17 





41. साझेदारों के आहरण पर कोई व्याज वसूल नही किया जाएगा कब | 

उत्तर - साझेदारी संलेख के आभाव में 

42. साझेदारों के मध्य लाभ हानि का विभाजन संविदा  के आभाव मे समान अनुपात में विभाजित किया जाता है |उत्तर - सत्य 

43. यदि साझेदारों के आपस में कोई अनुपात तय किया है तो किस अनुपात में लाभ हानि का विभाजन होगा | 

उत्तर - निश्चित / निर्धारित 

44.   साझेदार के वेतन नाम किया जाता है | 

उत्तर - लाभ हानि नियोजन खाता 

45. साझेदारों के चालू खाता खोलना चाहिए जब पूँजी हो | 

उत्तर - स्थायी 

46. बैंकिंग व्यवसाय करने वाली साझेदारी फर्म के सदस्यों की अधिकतम संख्या होगी | 

उत्तर - 10 

47. साझेदारी का फर्म से सम्बन्ध होता है | 

उत्तर - अभिकर्ता का 

48. साझेदारी संलेख को कहा जाता है | 

उत्तर - साझेदारी का अंतर्नियम 

49. जब आहरण का समय न दिया गया होतो आहरण पर व्याज लगाया जाता है | 

उत्तर - 6 महीने के 

50. जब वर्ष भर निश्चित राशि का आहरण प्रत्येक महीने की अंतिम तिथि को किया गया हो तो आहरण की कुल राशि पर व्याज  लगाया जाता है | 

उत्तर - 5 १/२ महीने के लिए 



51. साझेदारों की पूँजी पर व्याज है | 

उत्तर - विनियोजन 

52. चालू खाता है | 

उत्तर - व्यक्तिगत 

53. फर्म के लिए  साझेदार के आहरण पर व्याज है | 

उत्तर - आय 

54. साझेदारों के चालू खाते तब खोले जाते हैं जबकि उनके पूँजी खाते होते हैं | 

उत्तर - स्थिर 

55. साझेदार की पूँजी पर व्याज की गणना होती है | 

उत्तर - प्रारंभिक पूँजी पर  


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