निर्वाचन आयोग election commission चुनाव आयोग संविधान ias pcs mppsc

 भारत निर्वाचन आयोग - चुनाव आयोग - election commission

गठन - 

भारतीय संविधान के भाग 15 के अनुच्छेद 324 से 339 में निर्वाचन आयोग एवं निर्वाचन से संबंधित प्रावधान वर्णित है 

> निर्वाचन आयोग एक स्थाई व स्वतंत्र संवैधानिक निकाय है 

[ संविधान में विभिन्न अनुच्छेदों के तहत जिन निकायों का उल्लेख है उन्हें संवैधानिक निकाय कहा जाता है ]

> संविधान के अनुच्छेद 324 के अनुसार संसद, राज्य, विधानमंडल राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति के पदों के निर्वाचन व संचालन, निर्देशन, नियंत्रण की जिम्मेदारी निर्वाचन आयोग की है 

> निर्वाचन आयोग एक अखिल भारतीय संस्था है 

> निर्वाचन आयोग का गठन संविधान द्वारा देश में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने के उद्देश्य से हुआ।  




> संरचना -


निर्वाचन आयोग एक बहु सदस्यीय निकाय है जिसमें एक मुख्य आयुक्त तथा दो अन्य आयुक्त 

> अनुच्छेद 324 [ 2 ] निर्वाचन आयोग मुख्य निर्वाचन आयुक्त और उतने ही अन्य निर्वाचन आयुक्तों से जितने राष्ट्रपति नियत करें 

> अनुच्छेद 325 [3] जब कोई अन्य निर्वाचन आयुक्त इस प्रकार नियुक्त किया जाता है तब मुख्य निर्वाचन आयुक्त निर्वाचन आयोग के अध्यक्ष के रूप में कार्य करता है। 

> अनुच्छेद 324 [4] राष्ट्रपति, निर्वाचन आयोग की सलाह पर प्रदेशिका आयुक्तों की नियुक्ति कर सकता है। 

>  अनुच्छेद 324 [5 ] मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पद से उसी तरह से व उन्हीं आधारों पर हटाया जा सकता है।  जिस नीति व विधि से उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश को हटाया जाता है। 

> मुख्य निर्वाचन आयुक्त व अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति संसद द्वारा बनाई गई विधि के उपबंध के तहत राष्ट्रपति द्वारा की जाती है 

> निर्वाचन आयुक्त व प्रदेशिक आयुक्तों की सेवा शर्ते व पदावधि राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित की जाती है। 

> मुख्य निर्वाचन अधिकारी की नियुक्ति मुख्य निर्वाचन आयुक्त राज्य सरकारों की सलाह पर करता है। 

> मुख्य निर्वाचन अधिकारी के नीचे जिला स्तर पर कलेक्टर जिला निर्वाचन अधिकारी होता है। 


> वर्ष 1950 से 15 अक्टूबर 1989 तक चुनाव आयोग एक सदस्य निकाय था , केवल मुख्य निर्वाचन अधिकारी होता था 

> 16 अक्टूबर 1989 में राष्ट्रपति ने दो अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति किया। 

> वर्ष 1990 में दो निर्वाचन आयुक्तों के पद को समाप्त कर दिया गया 

> अक्टूबर 1993 में दो निर्वाचन आयुक्तों को नियुक्त किया गया इसके बाद से अब तक आयोग बहुसदस्यीय  संस्था के तौर पर है। 


> कार्यकाल -


> मुख्य निर्वाचन आयुक्त व अन्य निर्वाचन आयुक्त का कार्यकाल 6 वर्ष 65 वर्ष की आयु तक होता है। 

> मुख्य निर्वाचन आयुक्त व अन्य निर्वाचन आयुक्त किसी भी समय अपना हस्ताक्षरित त्यागपत्र राष्ट्रपति को दे सकते हैं या कार्यकाल समाप्त होने से पूर्व ही पद से हटाया जा सकता है 

> इन्हें दुर्व्यवहार या अक्षमता के आधार पर संसद के दोनों सदनों पर विशेष बहुमत से प्रस्ताव पारित करने के बाद राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है। 

> अन्य निर्वाचन आयुक्तों को राष्ट्रपति मुख्य निर्वाचन आयुक्त की सिफारिश पर उसे ही पद से हटाया जा सकता है। 


> सेवा व शर्तें -


 मुख्य निर्वाचन आयुक्त व दो अन्य निर्वाचन आयुक्तों के वेतन, भत्ते व दूसरे अनुलाभ भी एक समान होते हैं, जो सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के समान होते हैं 

> निर्वाचन आयुक्तों की सेवा शर्तों में उनकी नियुक्ति के पश्चात कोई लाभकारी परिवर्तन नहीं किया जा सकता है। 


> निर्वाचन आयोग के कार्य व शक्तियाँ - 


> निर्वाचन  क्षेत्रों का परिसीमन या सीमांकन करना। 

> मतदाता सूचियाँ तैयार करना। 

> राजनितिक दलों को मान्यता प्रदान करना एवं उन्हें चुनाव चिन्ह आवंटित करना। 

> राजनितिक दलों को मान्यता प्रदान करने और चुनाव चिन्ह देने के मामले मे हुए विवाद के समाधान के लिए न्यायालय  की तरह काम करना। 

> राजनितिक दलों  पंजीकृत करना तथा निर्वाचन में प्रदर्शन के आधार पर उन्हें राष्ट्रीय  या राज्य स्तरीय दल का दर्जा  देना। 

> निर्वाचन की तिथि और समय सरणी निर्धारित करना एवं नामांकन पत्रों का परिक्षण  करना। 

> संसद एवं राज्य विधान सभा के सदस्यों  निरर्हता से सम्बंधित मामलों पर क्रमशः राष्ट्रपति एवं राज्यपाल को सलाह देना 

> चुनावी धांधली , बूथ कैपचरिंग ,हिंसा अनियमितताओं के आधार पर निर्वाचन रद्द करना। 

> राष्ट्रपति शासन वाले राज्य में एक वर्ष समाप्त होने के पश्चात् निर्वाचन कराएं जाएं या नहीं इस बारे में राष्ट्रपति सलाह देना। 


> निर्वाचन से सम्बंधित अनुच्छेद - 


> अनुच्छेद 324  - चुनाव कार्य के अधीक्षण ,निर्देशन ,तथा नियंत्रण की शक्ति निर्वाचन आयोग में है।

> अनुच्छेद 325 - धर्म ,मूलवंश जाति या लिंग के आधार पर किसी व्यक्ति का निर्वाचन नामावली में सम्मिलित किए जाने लिए अपात्र न  होना और उसके द्वारा किसी विशेष निर्वचन नामवाली  सम्मिलित किए जाने का दावा न किया जाना। 

> अनुच्छेद 326 - लोकसभा अथवा राज्य विधानसभाओं के चुनाव वयस्क मताधिकार के आधार पर सम्मान होंगे। 

> अनुच्छेद 327 - विधानमंडलों के चुनाव के सम्बंध में उपबंध करने की संसद की शक्ति। 

> अनुच्छेद 328 - राज्य विधायिका की सम्बन्धित राज्य के अंदर चुनाव के सम्बंध में प्रावधान बनाने की शक्ति। 

> अनुच्छेद 329 - चुनाव संबंधी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप पर रोक 

> अनुच्छेद - 329 क - प्रधानमंत्री तथा लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव  सम्बन्ध में विशेष प्रावधान [ यह अनुच्छेद निरस्त कर दिया गया है ] 


परीक्षा उपयोगी तत्थ - 


मुख्य  चुनाव आयुक्त एवं अन्य चुनाव आयुक्तों के वेतन एवं भत्ते भारत की संचित निधि से दिए जाते है। 

> मुख्य चुनाव आयुक्त को महायोग जैसी प्रक्रिया द्वारा ही पद हटाया जा सकता है। 

> भारत की प्रथम महिला मुख्य निर्वाचन आयुक्त वी. एस. रामदेवी थीं। 

> अब तक चार बार 1952 ,1963 ,1973 ,2002 परिसीमन आयोग का गठन किया गया है। 

> 61 वें  संविधान संशोधन अधिनियम 1988 द्वारा मताधिकार की आयु को 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दिया गया , जो कि 28 मार्च 1989 से लागू है। 

> स्थानीय निकायों , पंचायतों एवं नगरपालिकाओ का चुनाव राज्य निर्वाचन आयोगों द्वारा कराया जाता है। 

> ई. वी. एम. का सर्वप्रथम प्रयोग केरल के पारुर विधानसभा में मई 1982 में किया गया। 

> EVM से सम्पूर्ण आम चुनाव सर्वप्रथम 2004 में संपन्न कराए गए। 

> VVPAT पर्ची  मशीन का प्रयोग सर्वप्रथम 2013 में नागालैंड में किया गया था। 

> मध्य प्रदेश में सर्वप्रथम पांच विधानसभाओं में EVM का प्रयोग किया गया नवंबर 1998 में 




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