समाचार पत्रों का महत्व - निबंध हिंदी में - essay in hindi
समाचार पत्र पर निबंध -
Importance of newspapers -
> मुख्य बिंदु -
> प्रस्तावना - preamble
> समाचार पत्रों की आवश्यकता - Newspapers needed
> समाचार पत्र से लाभ - profit from newspaper
> समाचार पत्रों से हानि - Losses from newspapers -
> निष्कर्ष - CONCLUSION
> प्रस्तावना - PREAMBLE -
- samachar patra ka itihas -
आधुनिक जीवन में सब मानव के लिए समाचार पत्र मानसिक भोजन है।
दुनिया में समाचार पत्रों का प्रचलन इटली के अवनीश नगर से प्रारंभ हुआ
भारत वर्ष में समाचार पत्र अंग्रेजों की देन है जिन्होंने इंडिया गजट नामक अखबार निकाला था।
आज भारत में अखबारों की भरमार है हर छोटे-बड़े नगर अथवा कस्बे में एक ना एक समाचारपत्र तो अवश्य निकलता है।
> समाचार पत्रों की आवश्यकता -
Newspapers needed -
- समाचार के उद्देश्य क्या है ?
आज समाचार पत्रों का प्रचार विश्व के कोने-कोने में है।
आज हम पराया काल उठते ही सबसे बड़े अखबार पढ़ कर विश्व के समाचार जान लेती है।
बहुत से व्यक्तियों की आदत बन गई है कि वे जब तक भी चाय के साथ अखबार नहीं पढ़ते बिस्तर पर से नहीं उठते भारत में अंग्रेजों के साथ ही अखबारों के परंपरा प्रचलित हुई थी।
किंतु आज के दौर में अनेक क्षेत्रीय भाषाओं में भी कई अखबार निकलते हैं।
हिंदी के अखबारों की संख्या बहुत अधिक है विश्व की राजनैतिक एवं सामाजिक जटिल समस्याओं पर देश-दुनिया की खबरों का विस्तार रूप से उल्लेख मिलता है।
समाचार पत्रों के प्रचार प्रसार में अतिशय वृद्धि हुई है।
> समाचार पत्र से लाभ - profit from newspaper
- समाचार पत्र के क्या लाभ हैं ? -
समाचार पत्रों से अनेक लाभ है यह देश की नहीं पूरे विश्व की राजनीतिक सामाजिक धार्मिक शैक्षणिक अधिक सभी गतिविधियों की जानकारी हमें प्रतिदिन देते हैं।
यह वर्तमान समस्याओं की जानकारी देकर उनका समाधान भी हमारे समक्ष प्रस्तुत करते हैं समाचार पत्र व्यवसायिक प्रगति एवं राष्ट्रीय चेतना के बारे में तथा खेल जगत की समस्त जानकारी हम तक पहुंचाते हैं।
समाचार पत्रों के माध्यम से नौकरियां तथा समस्त गतिविधियों की जानकारी हम तक पहुंचाते हैं।
तथा हमें अनेक लाभ प्रद बातें समाचार पत्रों से प्राप्त होती है।
> समाचार पत्रों से हानि - Losses from newspapers -
समाचार पत्र के क्या हानि हैं ?
समाचार पत्रों के साथ लाभ के साथ-साथ कुछ हानियां भी है।
जिन का उत्तरदायित्व संपादकों का होता है यदि संपादक और हानियों के प्रति सचेत रहे तो अखबारों से हारी होने की संभावना बिल्कुल समाप्त हो जाए अखबार से कभी-कभी झूठे समाचार गंदे विज्ञापन पारस्परिक बातें उठती हैं।
जो समाज के लिए हानिकारक होती है।
> निष्कर्ष - Conclusion -
इस युग में समाचार पत्र ही जनता की ज्ञान बिपाशा के प्रति दायक है।
अनेक देश विदेशों के समाचारों से युक्त समाचार पत्र आज जन सामान्य की मानसिक सुधा के भोजन है।
आज अखबार ही संस्कृति और सभ्यता के प्रतीक है इसमें जनसामान्य में ज्ञान अनुभव और अज्ञान बातें की जानकारी में वृद्धि होती है।
समाचार पत्रों की शक्ति के संदर्भ में यह योग असाधारण है।
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