भारत में संसदीय लोकतंत्र को सुदृढ़ करने हेतु कौन-कौन सी आवश्यक शर्तें हैं, explain what are the necessary conditions to strengthen parliamentary democracy in india ?

 भारत में संसदीय लोकतंत्र को सुदृढ़ करने हेतु कौन-कौन सी आवश्यक शर्ते हैं, स्पष्ट कीजिए -

explain what are the necessary conditions to strengthen parliamentary democracy in india ?


मुख्य परीक्षा संविधान -





संसदीय लोकतांत्रिक व्यवस्था से अभिप्राय है शासन संचालन की शक्ति संप्रभुता भारत की जनता में निहित है लोकतंत्र एक प्रक्रियागत प्रणाली है। 

भारतीय संविधान द्वारा संसदीय लोकतंत्र को अपनाया गया है जिसमें कार्यकारिणी अपने समस्त कार्य के लिए विधायिका का के प्रति उत्तरदायी  एवं जवाबदेह होती है। 

संविधान की प्रस्तावना में लिखित लोकतांत्रिक शब्द में ना केवल राजनैतिक लोकतंत्र शामिल है, बल्कि सामाजिक व आर्थिक लोकतंत्र को भी शामिल किया गया है। 


संसदीय लोकतंत्र के लिए यह आवश्यक हो जाता है कि संसद में विपक्ष मजबूत हो एवं जनता की समस्या एवं शासन की कमियों को सदन में उठाया जाए , परंतु भारत में ऐसी व्यवस्था पूर्णता विकसित ना हो पाई है। 

   

हम कह सकते हैं कि द्विदलीय व्यवस्था संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करती है। 


संसदीय लोकतंत्र को सुदृढ़ करने हेतु प्रमुख कदम -


1. संसद की कार्यवाही अधिवेशन प्रथम बैठक व द्वितीय बैठक के साथ सार्थक सहयोग करना। 

2.  संसदीय कार्यवाही के साधनों प्रश्नकाल, शून्यकाल एवं विभिन्न प्रस्ताव का समुचित प्रयोग करना। 

3 सदनों की कार्यवाही को बढ़ावा एवं वॉकआउट स्थगन सत्रावसान का प्रयोग सीमित एवं सार्थक करना। 

4. दोनों पक्षों सत्ता पक्ष एवं विपक्ष में परस्पर सहिष्णुता एवं सम्मान के साथ सहयोग की भावना का विकास करना। 

 5. संसदीय समितियों का गठन निष्पक्ष तौर पर करना है 

6. सदन में सबको अपना पक्ष रखने के मौके के साथ स्वस्थ बहस को बढ़ावा देना। 


इस तरह संसद के अंदर लोकतंत्र की स्थापना करने के साथ ही लोकतंत्र की अर्थव्यवस्था सिद्ध होगी। 



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