हिमालय के प्रकार उत्तर से दक्षिण की ओर विस्तृत उत्तरी पर्वतीय प्रदेश या क्षेत्र ट्रांस हिमालय वृहद हिमालय या महान हिमालय ,लघु या मध्य हिमालय,शिवालिक हिमालय उत्तर पूर्वी हिमालय

 हिमालय के प्रकार


उत्तर से दक्षिण की ओर विस्तृत उत्तरी पर्वतीय प्रदेश या क्षेत्र को निम्नलिखित भागों में बांटा गया है

ट्रांस हिमालय 

वृहद हिमालय या महान हिमालय 

लघु या मध्य हिमालय 

शिवालिक हिमालय 

उत्तर पूर्वी हिमालय

हिमालय -

जम्मू कश्मीर से लेकर पूर्व में अरुणाचल प्रदेश तक लगभग 25 किलोमीटर की लंबाई में फैला हुआ है इसकी रचना नर्सरी काल के अल्पाइन्स भू संचलन के कारण हुई है 

यह पूर्व की अपेक्षा पश्चिमी भाग अधिक चौड़ा है जो पश्चिम में 400 किलोमीटर तथा पूरब में लगभग 150 किलोमीटर तक चौड़ा है इसका कारण को समझने दो प्रमुख रूप से इसमें लगातार पूर्व की तरफ अभिसारी सीमांत पर दबाव बल का अधिक होना है 


himalaya 


यही कारण है कि पूर्व में विश्व की सबसे ऊंची चोटियां पूर्वी हिमालय में है जैसे माउंट एवरेस्ट एवं कंचनजंगा 

प्लेट विवर्तनिक सिद्धांत के अनुसार हिमालय की उत्पत्ति यूरेशियन प्लेट और भारतीय प्लेट के आपस में टकराने के कारण तथा दोनों प्लेटों के मध्य में स्थित टेथिस सागर के अवसादो में बलन पड़ने के कारण हुई। 

ट्रांस हिमालय का निर्माण हिमालय से भी पहले हो चुका था इस की सबसे ऊंची चोटी गार्डन इन ऑस्टिन K2 है जो भारत की सबसे ऊंची एवं विश्व की दूसरी सूची चोटी है यह काराकोरम पर्वत श्रेणी में स्थित है

यह महान हिमालय के उत्तर में है इसके अंतर्गत काराकोरम लद्दाख जास्कर कैलाश आदि से लिया है अधिक ऊंचाई और बर्फ से ढकी होने के कारण यहां वनस्पतियों का अभाव है

सिंधु नदी ट्रांस हिमालय की जांच कर और लद्दाख चिड़ियों के बीच से प्रवाहित होती है

ट्रांस हिमालय वृहद हिमालय से आईटीएसजेड द्वारा अलग होता है ट्रांस हिमालय पर ही विश्व के प्रसिद्ध ग्लेशियर सियाचिन बाल तो रो ब्याव हो वह इस इस पर है विश्व की सबसे अधिक तीव्र ढाल वाली चोटी राकापोशी यही स्थित है

> वृहद् / महान हिमालय - 

इसका विस्तार पश्चिम में सिंधु नदी से लेकर अरुणाचल प्रदेश में नामचा बरवा पर्वत तक है यह श्रेणी सदा बर्फ से ढकी मिलती है हिमालय की सभी श्रेणियों में वृहद या महान हिमालय सबसे प्राचीन शिर्डी है विश्व की सबसे ऊंची चोटी सी पर्वत श्रृंखला में स्थित है है जिसे माउंट एवरेस्ट कहते हैं 

वृहद हिमालय लघु हिमालय से एमसीडी द्वारा अलग होता है वृहद हिमालय के पूर्वी भाग में पश्चिम की अपेक्षा अधिक ऊंचा है वृहद हिमालय की ढाल उत्तर की ओर मंद तथा दक्षिण की ओर तीव्र है वृहद हिमालय से ही गंगा यमुना और अनेक सहायक अनिल सहायक नदियों का उद्गम होता है 

जो कि उत्तर भारत की प्रमुख जीवन रेखा एवं धार्मिक नदियां है वृहद हिमालय की कुछ प्रमुख पर्वत चोटियां माउंट एवरेस्ट कंचनजंगा मकालु धौलागिरी नंगापरवत अन्नपूर्णा नंदा देवी नामचा बरव

> लघु /मध्य हिमालय - 

लघु हिमालय वृहद हिमालय के दक्षिण में है यह पर्वत श्रेणी लगभग 500 किलोमीटर चौड़ी तथा 3000 मीटर से 45000 मीटर औसतन ऊंची है लाहौल स्पीति कुल्लू एवं कांगड़ा घाटी अवस्थित है 

कश्मीर घाटी में निक्षेप द्वारा निर्मित मिट्टी को करीब आ कहते हैं लघु हिमालय शिर्डी को महाभारत श्रेणी भी कहते हैं लघु हिमालय में पीर पंजाल श्रेणी तथा धौला शिर्डी मसूरी श्रेणी महाभारत श्रेणी स्थित है 

लघु हिमालय की डाल पर घास की कई मैदान है जिन्हें कश्मीर में मर्ग कहते हैं उत्तराखंड में बुग्याल या पयार कहा जाता है

जैसे - सोन मर्ग, गुल मर्ग

लघु हिमालय उत्तर में एमसीडी और दक्षिण में एम बी एफ पाई जाती है लघु हिमालय एवं शिवालिक चिड़ियों के बीच पर्यटक स्थल शिमला मसूरी नैनीताल रानीखेत दार्जिलिंग आदि है

> शिवालिक हिमालय -

हिमालय की सबसे दक्षिण की सृष्टि वाले के नाम से विख्यात है हिमालय की अन्य श्रेणियों की तुलना में शिवालिक श्रेणी या कम ऊंची है हिमालय पर्वत से निकलने वाली नदियों द्वारा लाए गए और साधु के निक्षेपण एवं उनमें वलन मोड पढ़ने से शिवालिक की उत्पत्ति हुई है यह हिमालय की नवीनतम पर्वत श्रंखला है

शिवालिक हिमालय के बीच कई घटिया है पश्चिम भारत में उन्हें दूर तथा पूर्व में द्वार कहते हैं शिवालिक हिमालय या उप हिमालय जम्मू एवं कश्मीर राज्य के जम्मू डिवीजन से लेकर असम तक विस्तृत है इसकी चौड़ाई 8 किलोमीटर से पश्चिम में 45 किलोमीटर के मध्य हॉस्टल ऊंचाई 900 से पंद्रह सौ मीटर है 

शिवालिक मुख्य दा ऊपरी तृतीय काल की बलुआ पत्थर चिकनी मिट्टी तथा चूना पत्थर से बना है इस के नचले भाग को तराई कहते हैं

> उत्तर - पूर्वी हिमालय -

उत्तर पूर्वी हिमालय की अधिकतर पहाड़ियां छटी छोटी नदी नालों के द्वारा अलग होती है

हिमालय की पूर्वी सीमा का निर्धारण ब्रह्मपुत्र नदी द्वारा किया जाता है

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