फिरोजशाह तुगलक की जनकल्याणकारी कार्यों का वर्णन, फिरोजशाह तुगलक राजस्व व्यवस्था Description of the welfare works of Firoz Shah Tughlaq

 फिरोजशाह तुगलक की जनकल्याणकारी कार्यों का वर्णन -

Description of the welfare works of Firoz Shah Tughlaq -


फिरोजशाह तुगलक [ 1351 से 1388 ] -

ने मोहम्मद बिन तुगलक की 20 मार्च 1351 को मृत्यु के बाद फिरोज़ शाह तुगलक ने अपना राज्य अभिषेक भट्ठा में करवाया 

जिसके बाद 1351 में पुनः राज्याभिषेक दिल्ली में करवाया 

 फिरोज, मोहम्मद बिन तुगलक का चचेरा भाई एवं सिपहसलार रजब  का पुत्र था।  इसकी मां बीवी जैला राजपूत सरदार रणमत की पुत्री थी। 




> 1353 में फिरोज शाह ने बंगाल को जीतने के उद्देश्य से  असफल आक्रमण किया। 

सन 1360 में मोहम्मद फिरोज़ शाह तुगलक ने जाज नगर ओड़ीशा पर आक्रमण कर वहां के शासक भानु देव तृतीय को परास्त कर पुरी के जगन्नाथ मंदिर को ध्वस्त कर दिया 

फिरोजशाह तुगलक नहीं नगरकोट पर आक्रमण कर वहां के शासन को परास्त कर प्रसिद्ध ज्वालामुखी मंदिर को ध्वस्त कर दिया 


फिरोजशाह तुगलक के जन कल्याणकारी कार्य-


1.फिरोजशाह तुगलक ने राजस्व व्यवस्था के अंतर्गत 24 कष्ट दायक करो को समाप्त कर दिया और चार कर 

> खराज- लगान के रूप में 

> ख़ुम्स -  युद्ध में लूट का माल 

> जजिया - गैर मुसलमानों से लिया जाने वाला कर 

> जकात कर - संपन्न मुसलमानों से लिया जाने वाला धार्मिक कर वसूल करने का आदेश दिया।


 सिंचाई सुविधा के लिए फिरोज़ शाह तुगलक ने 5 बड़ी नहरों का निर्माण करवाया

 > यमुना नदी से हिसार [हरियाणा] तक 150 मीटर 

> सतलज नदी से घग्गर नदी तक 96 मीटर लंबी 

> फिरोजशाह तुगलक ने लगभग 12000 फलों के बाग लगवाए 

> उसने 1 /3  से 1/5  भाग लगान  लिया भू राजस्व का सर्वेक्षण करवाया जो 6 करोड़ 85 लाख टका का वार्षिक था। 

> सुल्तान फिरोज तुगलक ने लगभग 300 नये नगरों की स्थापना की। जिसमें फिरोजाबाद, हिसार ,फिरोजपुर फतेहाबाद, जौनपुर आदि इसमें फिरोजाबाद फिरोजाबाद तुगलक को सर्वाधिक प्रिय था

> फिरोजाबाद तुगलक ने मुस्लिम अनाथ  स्त्रियों विधवाओं एवं लड़कियों की सहायता के लिए एक नए विभाग दीवान- ए - खैरात की स्थापना की। 

> फिरोजशाह तुगलक ने  ही दासों  की देखभाल हेतु एक नए विभाग दीवान-ए -बंदरगाह की स्थापना की। 

> फिरोज शाह ने दारुल शफा नामक निशुल्क चिकित्सालय गरीबों के लिए स्थापित किया।

> फिरोजशाह तुगलक ने ज्वालामुखी मंदिर के पुस्तकालय से लूटे गए थे 1300 ग्रंथों में से कुछ का फारसी में विद्वान अपाउद्दीन द्वारा दलापते -फिरोजशाही नाम से अनुवाद कराया।  

> फिरोज शाह ने इस प्रकार के जनहितकारी कार्यो के कारण हेनरी इलियट ने उसे सल्तनत काल का अकबर कहा है। 



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