व्यावसायिक लेन देनो का अभिलेखन : क्या है
[accounting equation ]-लेखांकन समीकरण
- कैसे वित्तीय विवरण में लाभ हानि खाता एवं आर्थिक चिट्ठा शामिल होता है।
जैसा कि आप जानते हैं कि किसी भी व्यापार या उद्योग का स्पष्ट एवं मुख्य उद्देश्य लाभ कमाना होता है अब लाभ हानि जानने के लिए हमें जो खाता बनाना पड़ता है उसे वित्तीय विवरण कहेंगे या बनाए जाते हैं वित्तीय विवरण लाभ हानि खाता को दर्शाता है
वित्तीय विवरण मे -
1. लाभ हानि खाता
2.आर्थिक चिट्ठा
शामिल होता है
1.लाभ हानि खाता - विभिन्न व्यवसाय क्रियाओं से वर्ष के अंत में होने वाले शुद्ध लाभ या शुद्ध हानि को दर्शाता है
2. आर्थिक चिट्ठा - व्यवसाय की आर्थिक स्थिति को संपत्ति एवं दायित्व के माध्यम से दिखाता है
accounting equation |
इन वित्तीय विवरणों का निर्माण लेखांकन की सही कला एवं विज्ञान की समझ के साथ सुव्यवस्थित लेखांकन प्रणाली के द्वारा ही संभव है जिसमें व्यवसाय के विभिन्न आर्थिक व्यवहारों का लेखा लेखांकन के सिद्धांतों व नियमों के अनुसार किया गया हो
दोस्तों - अब आप वित्तीय विवरण में आर्थिक चिट्ठा को बनाएंगे उन्हें सीखेंगे
क्योंकि आर्थिक चिट्ठा के द्वारा ही आप लाभ हानि खाता बना पाएंगे
जैसा कि आप ऊपर पढ़ चुके हैं कि लाभ हानि खाता वर्ष के अंत में यानी वित्तीय वर्ष के अंत में ( 1 अप्रैल से 31 मार्च के अंत में में) तैयार किया जाता है शुद्ध लाभ शुद्ध हानि जानने के लिए
ठीक है इसके पहले रोज के व्यवसाय के लेनदेन को आर्थिक चिट्ठा में दर्शाया जाता है
अब आर्थिक चिट्ठा बैलेंस शीट( balance sheet) में किसी भी स्थिति में व्यवसाय की संपत्ति उसके दायित्व क्रेडिटर (crediter) के बराबर रहती है
सम्पति = दायित्व
> सम्पति को - स्थायी (मशीन, भवन, प्लांट, टाइपराइटर), चालू (cash) कृत्रिम (मानव द्वारा निर्मित) मूर्त (साकार) अमूर्त (जो दिखाई न दे) एवं तरल संपत्तियों के रूप में
> दायित्व - मैं विभिन्न लेनदार जो व्यवसाय में (या आय) माल उधार दिया या पूजी उपलब्ध कराया एवं स्वामी की प्रारंभिक पूंजी भी शामिल होती है जिसे उस में निवेश किया!
अब थोड़ा इसे भी समझे-
लेनदार - क्रेडिटर credits यानी कि आप क्रेडिटर कब होंगे जब आप व्यवसाय के लिए उधार माल ले रहे हैं!
देनदार - debtor यानी आप जब व्यवसाय में कोई माल उधार बेच रहे हैं, यानी कि आप किसी को माल उधार पर दे रहे
लेखांकन में आर्थिक चिट्ठा भी व्यवसाय की संपत्तियों का योग सदैव उसके दायित्व के बराबर होता है
व्यवसाय में संपत्ति एवं दायित्व के मध्य संबंध को लेखांकन समीकरण अकाउंटिंग इक्वेशन (accounting equation) द्वारा हम प्रदर्शित करेंगे
कैसे - सम्पति = पूँजी + दायित्व .......... (समीकरण)
आर्थिक चिट्ठा यह दर्शाता है कि आप की आर्थिक स्थिति क्या है आपकी संपत्ति का कितना भाग आपकी निवेश की पूंजी से (स्वामी) व कितना भाग दायित्व से प्राप्त हो रहा है
यानी आप कितना लाभ अपनी पूँजी से कम आ रहे हैं जो आपने निवेश किया है या आप कितना लाभ उधार ली हुई पूँजी या माल से दायित्व से कमा रहे हैं
दोस्तों-
यह बता दूं संपत्ति आप की स्थाई + चालू प्रति मुर्त अमूर्त सभी प्रकार की होगी
जबकि पूंजी एक छोटा सा अंश हो सकती है जिसमें आप व्यापार प्रारंभ करेंगे या किसी भी कार्य को करने के लिए निवेश लगाते हैं
जैसा आपकी पास 10,00,000 है तो आप 100000 किसी व्यवसाय में लगा दे
तो एक लाख आपकी पूँजी होगी...
और भी समझे -
> सम्पति -
प्रत्येक व्यवसाय में विभिन्न प्रकार की संपत्तियों का प्रयोग व्यवसाय को चलाने के लिए किया जाता है इन संपत्तियों का मूल्य व्यवसाय के आधार एवं प्राकृति के द्वारा प्रभावित होता है संपत्तियों का प्रयोग आए कमाने के लिए या लाभ कमाने के लिए किया जाता है।
व्यवसाय में निम्न प्रकार की संपत्ति हो सकती है रोकड़ बैंक में रोकड़ प्लांट मशीनरी फर्नीचर देनदार स्टॉक भूमि व भवन इत्यादि
> पूँजी - व्यवसाय के स्वामी द्वारा व्यवसाय को प्रारंभ करने के लिए लगाई गई रोकड़ पूँजी कहलाती है यह पूँजी रोकड़ या माल के रूप में हो सकती है।
लेखांकन समीकरण लेखांकन की द्वी पक्षी सिद्धांत पर आधारित है
लेखांकन समीकरण के अंतर्गत तीन शीर्षक को रखा जाता है
1.आर्थिक चिट्ठा
2.लाभ हानि एवं चिट्ठा
3 .अन्य व्यवहार
A. अदत्त व्यव
B. पूर्वदत्त व्यय
C. अनुपर्जित आय
D. उपार्जित आय
लेखांकन समीकरण के द्वारा यह स्पष्ट होता है कि संपत्ति का योग सर्वदा पूंजी व दायित्व के कुल योग के बराबर होता है!
कृपया इस पोस्ट को अपने दोस्तों में साझा करें। .आपका। .... धन्यवाद
1 टिप्पणियाँ
Bahut achha explain Kiya gya hai..good
जवाब देंहटाएंthank you ...