मुख्य परीक्षा प्रश्न और उत्तर UPSC UPPCS MPPSC
बौद्धधर्म का उदय गौतम बुद्ध के वैराग्य और ज्ञान प्राप्ति के बाद बौद्धभिक्छुक के रूप में बौद्धधर्म प्रचार- प्रसार बहुत तीव्रता से हुआ ,न केवल भारत और तिब्बत में ,बल्कि बौद्ध धर्म श्रीलंका ,जापान ,जावा ,सुमात्रा आदि देशों में प्रसारित हुआ।
महात्मा बुद्ध के ज्ञान एवं प्रचार से जहाँ अनेक बौद्ध भिक्षुक बौद्ध धर्म को अग्रणी किये ,वहीँ प्रचार -प्रसार मे धार्मिक सामाजिक आर्थिक व राजाओं के द्वारा किए गए कारण थे।
अनेक राजाओं और अमीरो द्वारा बौद्ध धर्म को स्वीकार किया ,बुद्ध से प्रभावित हुए फिर उनका अनुसरण कर प्रचार -प्रसार किया।
> सामाजिक आर्थिक कारण निम्न थे।
> सामाजिक कारण -
वैदिक युग के बाद उत्तर वैदिक काल [1000 ई.पू. - 600 ई. पू.] सामाजिक व्यवस्था की दृष्टि विचलन का गिरावट का काल था। उत्तर वैदिक काल आते आते भारतीय समाज में एक ऐसी व्यवस्था ने जन्म ले लिया था। जिसे वर्ण व्यवस्था कहेंगे।
वर्ण व्यवस्था [ ब्राम्हण ,क्षत्रिय, वैश्य ,शूद्र ] जिसमे शुद्रों को नीच एवं अस्पृश्य समझा जाता जिसके परिणाम स्वरुप शूद्रों की सामाजिक स्थिति में गिरावट आई।
शुद्रों को समाज में अस्पृश्यता छुआछूत जैसी कुप्रथाओं से गुजरना पड़ता ,न तो शिक्षा का अधिकार था न ही मंदिरों में प्रवेश की समानता साथ ही संस्कारो को निभाने ,और स्त्रियों को शिक्षा का अधिकार नहीं था।
स्त्रियों की खूब निंदा और उपेक्षा हुई। उन्हें घर तक ही सीमित रखा जाता दुःख का कारण बताया गया। उन्हें बोझ समझा जाता।
ब्राम्हण ग्रंथों में स्त्रियों की उपेक्षा की गई ,इन विकट परिस्थितियों में बौद्ध धर्म के जन्म के साथ प्रचार -प्रसार ने जो की स्त्रियों के उत्थान पर गहरा बल दिया । वे समानता की बात करते इस कारण बौद्ध धर्म लोकप्रिय हुआ।
> आर्थिक कारण -
उत्तरवैदिक काल आते आते वर्ण व्यवस्था समाज मे पैर पसार चुकी थी ,जिससे असमानता आई समाज में उसके परिणामस्वरूप आर्थिक गिरावट सामने आने लगी।
उच्च कुल और निम्न कुल के बीच आर्थिक कमजोरी ने समाज को एक नये विचार को अपनाने ले लिए विवस किया। जहाँ बड़ी जाति के लोग आर्थिक कार्य पूरी स्वतंत्रता व् अधिकार से करते निम्न कुल के लोगो पर दबाव बनाते और सभी तरह के कार्य करते।
वहीं नीचे कुल के लोग कुछ काम को छोड़ कर शेष कार्य मजदूरी मेहनत सेवा साफ सफाई के आलावा कुछ और कार्य का अधिकार नहीं था। इन स्थिति के बीच बौद्ध धर्म का उदय होना और प्रचार प्रसार लोगो को अपनी ओर प्रभावित किया और आकर्षण का कारण बना।
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