इलाहबाद की प्रथम संधि ! इलाहबाद की दूसरी संधि ! बक्सर युद्ध 22 अक्टूबर 1764 का परिणाम



बक्सर के युद्ध  22 अक्टूबर  1764 को ,, मीर  कासिम ,शुजाउद्दौला ,शाह आलम  की सहयोगी सेना  अंग्रेजो से पराजय  हुई  तथा मीर कासिम  भगकर इलाहबाद पंहुचा। 
मीर  कासिम की मृत्यु 1777 ई में  दिल्ली में हुई। तीनो  सहयोगियों  की सेना बक्सर का युद्ध हार जाने के बाद ही  आगे इलाहबाद की प्रथम और द्वतीय  संधि  हुई।  


 इलाहबाद की प्रथम संधि 12 अगस्त 1765 -


संधिकर्ता - मुग़ल सम्राट शाह द्वतीय ,बंगाल के नवाब निजामुद्दौला और रॉवर्ट क्लाइव 

शर्ते - 

मुग़ल बादशाह शाहआलम द्वितीय ने कंपनी को बंगाल ,बिहार और उड़ीसा की दीवानी ने दी। 

> इस संधि द्वारा कंपनी को उतरी सरकार उड़ीसा की जागीर मिली। 

> कंपनी ने अवध के नवाब शुजाउद्दौला से कड़ा और इलाहबाद के ज़िले लेकर मुग़ल सम्राट शाह आलम द्वितीय को दे दिए। 

> मुग़ल सम्राट को 26 लाख रूपए प्रतिवर्ष  पेंशन के रूप में दिए गए। 


इलाहबाद की दूसरी संधि - 16 अगस्त 1765 -


सन्धिकर्ता - अवध के नवाब शुजाउद्दौला और रॉबर्ट क्लाइव 

शर्ते - 

> कंपनी को 50 लाख रूपए तथा चुनार का दुर्ग अवध से प्राप्त हुए। 

> कंपनी द्वारा  नवाब के खर्च पर एक अंग्रेजी सेना अवध में रखी गई। 

> इलाहबाद  और कड़ा को छोड़कर अवध का शेष क्षेत्र नवाब को वापस कर दिया। 

> कंपनी को अवध  में कर मुक्त व्यापार करने की सुविधा प्राप्त हो गई। 

> वाराणसी  और गाजीपुर  के क्षेत्र में अंग्रेज के संरक्षण में राजा बलवंत सिंह को अधिकार दिया गया। 

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