कृत्रिम बुद्धिमत्ता। ARTIFICIAL INTELLIGENCE NOTES
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस , कंप्यूटर विज्ञान की वह शाखा है ,जिसके द्वारा कंप्यूटर नियंत्रित रोबोट या किसी सॉफ्टवेर को इंसानो की तरह प्रतिक्रिया ,व्यवहार ,कार्य करने हेतु प्रोग्राम्ड किया जाता है जो की कंप्यूटर की तरह ही नियंत्रित और कार्यान्वित किया करता है।
इसमें हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के साथ कृत्रिम बुद्धि का प्रयोग रोबोट को माहौल के अनुसार प्रतिक्रिया करने और जबाब देने हेतु तैयार किया जाता है।
- 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस' के क्षेत्र में पहला प्रयास ब्रिटिश गणितज्ञ और कंप्यूटर वैज्ञानिक एलन मैथिसन ट्यूरिंग[ alan mathison turing ] ने किया था।
- इसके विचारो और प्रयोगो को 1950 के समय हरबर्ट साइमन [herbert simon ] ने आगे बढ़ाया यह तत्थ सबके समने रखा की कंप्यूटर भी सोच सकता है।
- अमेरिकी वैज्ञानिक जॉन मैककार्थी ने 1956 में 'कृत्रिम बुद्धिमत्ता शब्द को परिभाषित किया।
- IBM [INTERNATIONAL BUSINESS MACHINE ] द्वारा निर्मित सुपरकंप्यूटर डीप ब्लू [DEEP BLUE] वर्ष 1997 में शतरंज के महान खिलाडी गैरी कास्परोव को हरा चुका है।
कृत्रिम बुध्दिमत्ता के लाभ - ADVANTAGES OF ARTIFICIAL INTELLIGENCE
- मनुष्य के द्वारा किये जाने वाले कार्यो को कृत्रिम बुध्दिमत्ता और रोबोटिक्स की सहायता से जटिल कार्य को सरल और उपयोगी बनाया जाता है।
- कृत्रिम बुध्दि से ऐसे कार्य को किया जा सकता है जो मनुष्यों के लिए खतरनाक साबित हो सकते थे।
- कृत्रिम बुध्दि वाले रोबोटिक्स और कंप्यूटर के माध्यम से आज हम अंतरिक्ष के रहस्यों के साथ वहा की कई महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते है।
- संचार ,रक्षा ,खेल ,चिकित्सा के क्षेत्र में कृत्रिम बुध्दिमत्ता का उपयोग और माँग लगातार बढ़ता जा रहा है। इस क्षेत्रों में इसकी उपयोगता से बड़ा बदलाव आ सकता है।
- इसके उपयोग से समय और संसाधन के व्यय को बहुत कम किया जा सकता है।
कृत्रिम बुध्दिमत्ता के दोष - DISADVANTAGES OF ARTIFICIAL INTELLIGENCE
जहाँ एक और कृत्रिम बुध्दिमत्ता के कई लाभ है तो वहीँ इसके कुछ दोष भी है रोबोट और कंप्यूटर की बढ़ती उपयोगिता इंसानो से निर्भरता ख़त्म कर सकती है। इससे रोबोटिक्स के साथ प्रतिस्पर्धा के अलावा इंसानो में काम करने के क्षेत्र सीमित और कम हो सकते है।
- कृतिम बुध्दिमत्ता के दुरूपयोग किसी भी खतरनाक घटना या छल को अंजाम देने में किया जा सकता है।
- कृत्रिम बुध्दिमत्ता के अधिक उपयोग से बाजारों और संस्थानों के रोजगार ख़त्म हो जाने की संभावना अधिक होती है। जिससे बेरोजगारी भी बढ़ सकती है।
- चूँकि रोबोटिक्स एक मशीन है। और मशीन के ख़राब होने पर कार्य अधुरे रह सकते है।
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता से मनुष्य की गुणवत्ता की अनदेखी का खतरा बना रहता है।
0 टिप्पणियाँ
thank you ...