मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक पर्यटन स्थल - मध्य प्रदेश के प्रमुख गुफाएँ -
Historical and Archeological Tourist Places of Madhya Pradesh - Major Caves of Madhya Pradesh
आइये जानते है मध्य प्रदेश के प्रमुख गुफाए जो की ऐतिहासिक और पुरातात्विक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं
इन्हीं स्थलों की देख रेख एवं सुरक्षा की दृष्टि के साथ विकास के उद्देश्य से 1978 में राज्य पर्यटन विकास निगम की स्थापना की गई। प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 22 फरवरी 2017 को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड की स्थापना की गई।
ये गुफाएँ भोपाल से लगभग 50 किलोमीटर दूर रायसेन जिले में स्थित है यहाँ चारो ओर विंध्यांचल पर्वत की श्रृंखला फैली हुई है।
इनके बीच यह प्राचीनतम और पुरापाषाण संस्कृति को सजोए हुए भीम बैठका गुफा।
इस गुफा में पुरापाषाण काल के अद्भुत शैल चित्र देखने मिलते है।
भीमबैठका को खोजने का श्रेय विष्णु वाकणकर को जाता है
इस गुफा को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण भोपाल मंडल ने 1990 में राष्ट्रीय महत्व स्थल घोषित किया।
इसके बाद जुलाई 2003 में unesco ने इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया।
मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में स्थित उदयगिरि जो की साँची बौद्ध स्तूप के काफी पास में है। उदयगिरि गुफा में 20 गुफाएँ है ये गुफाएँ चौथी से पांचवी शताब्दी के मध्य गुप्त वंश की समझी जाती है।
जो की गुप्त वंश की अद्भुत कला जो उजागर करता है ऐसा मन गया है की गुफा नंबर 1 और 20 जैन धर्म से सम्बंधित है।
- भर्तहरि की गुफाएं कहाँ है -
ये गुफाए उज्जैन में कलियादह महल के पास हैं इनकी कुल संख्या 9 है जिनमे से कुछ खंडित हो चुकी हैं
परमार वंश के राजाओ ने भर्तहरि के गुफाओं का निर्माण 11 वीं शताब्दी में करवाया।
ये गुफाएँ धार जिले के समीप बाघनी नदी के तट के पास बाघ नामक स्थल पर है इसका नाम बाघनी नदी के नाम ही बाघ पड़ा। इसका निर्माण चौथी से सातवीं शताब्दी के मध्य किया गया। यह बौध्य धर्म से सम्बंधित महत्वपूर्ण गुफा है।
यहाँ 9 गुफाएँ थी जिसमे से कई नष्ट हो चुकी हैं ,गुफा नंबर 2 में 5 बौद्ध मुर्तिया पाई गई है ,इन पांच मूर्तियों को ही स्थानीय लोग पाँच पांडव मानते है। गुफा क्रमांक 4 को रंगमहल कहा जाता है।
- मृगेंद्रनाथ की गुफा कहाँ है -
यह रायसेन जिला के पाटनी गाँव के समीप स्थित है
इसकी खोज वर्ष 2009 में पुरातत्व विभाग द्वारा किया गया। ये गुफा जैन धर्म से सम्बंधित है
- माडा की गुफाएँ कहाँ हैं -
माडा की गुफाए सिंगरौली जिले में हैं इन्हें सातवीं से आठवीं शताब्दी में कैमूर की पहाड़ियों को काटकर बनया गया है ! इस गुफा से रामायण कालीन लोक कथा जुडी हुई है।
ऐसी मान्यता है की रावण और मंदोदरी का गंधर्व विवाह यहीं पर हुआ था।
यहाँ विवाह माडा ,शंकर माडा ,रावण माडा ,गणेश माडा तथा जलजलिया माडा महत्वपूर्ण है
सतपुड़ा श्रेणियों बीच होशंगाबाद जिले में स्थित पचमढ़ी में पुरातात्विक महत्त्व की दो गुफाएँ पांडव गुफा एवं महादेव गुफा स्थित हैं।
मान्यता है कि पांडव अपने वनवास का कुछ समय यहाँ व्यतीत किये थे। पांच गुफा एक साथ होने कारण इन गुफाओं को पांडव गुफा कहते हैं।
इन गुफाओं को 9 वीं एवं 10 वीं शताब्दी में गुप्तकाल के दौरान बौध्द द्वारा निर्माण करवाया गया।
महादेव गुफा पर एक शिवलिंग निर्मित है गुफा में लगातार पानी टपकता रहता है।
ग्वालियर जिले में स्थित है निर्माण 11 वीं 12 वीं शताब्दी के मध्य का है।
होशंगाबाद जिले में ,ये शैलकृत चित्रित गुफा है।
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