प्रस्तावना क्या है WHAT IS PREAMBLE ? sovereign,scular,socialist,democratic,republic ,liberty,equality,unity and integrity




 प्रस्तावना क्या है - WHAT IS PREAMBLE ?

प्रस्तावना संविधान की भूमिका होती है। प्रस्तावना में ही आदर्शो ,उद्देश्य ,स्वरुप ,स्त्रोत्र से सम्बंधित प्रावधान और संविधान के लागू होने की तिथि का उल्लेख संक्षिप्त रूप में मिलता है। 

हमारे संविधान में प्रस्तावना को अमेरिकी संविधान से लिया गया है। लेकिन प्रस्तावना की भाषा ऑस्टेलियाई संविधान से मिलती है।  

> 13 दिसंबर 1946 को संविधान सभा में पं. जवाहरलाल नेहरू ने एक प्रस्ताव रखा ,जिसे 'उदेश्य प्रस्ताव' कहा गया इसी प्रस्ताव से प्रस्तावना का आविर्भाव हुआ। इस लिए हमारे संविधान में प्रस्तावना को 'उदेशिका' कहा जाता है। 

42 वें संविधान संशोधन अधिनियम 1976 द्वारा प्रस्तावना में 'समाजवादी' पंथनिरपेक्ष और अखंडता शब्द शामिल किए गए। इससे पहले ये शब्द भारतीय संविधान में नहीं थे।

   

     प्रस्तावना PREAMBLE -

"हम भारत के लोग ,भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व संपन्न ,समाजवादी ,पंथनिरपेक्ष ,लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को :

सामाजिक ,आर्थिक और राजनैतिक न्याय ,विचार ,अभिव्यक्ति ,विश्वास ,धर्म और उपासना की स्वतंत्रता ,प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिए तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26  नवंबर 1949 ई. को इस संविधान को अंगीकृत ,अधिनियमित और आत्मार्पित करते है "


प्रस्तावना में आने वाले कुछ शब्द - 


1. "हम भारत के लोग" WE THE PEOPLE OF INDIA - 

प्रस्तावना में सबसे पहले शब्द "हम भारत के लोग" ही  आता है। जिसका अर्थ यह लगाया जाता है। व माना जाता है। भारत के लोगों द्वारा इस संविधान को बनाया गया  [लिखित किया गया ] स्वीकार किया एवं हम स्वयं को अर्पित करते हुए स्वयं के ऊपर लागू करते हैं। 


2. संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न - SOVEREIGN -

 संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न जिसका अर्थ होता है। संपूर्ण प्रभुत्व स्वतंत्र होगा ,अर्थात भारत अपने आंतरिक एवं विदेशीक  मामलों में बिना किसी बाह्य दबाव एवं प्रतिबद्धता के स्वतंत्र होकर स्वयं निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र  व सक्षम होगा। भारत अपने देश के आंतरिक मामले एवं स्वयं के विदेशी मामलो का निर्णय स्वतंत्र कर सकता है। 


3. समाजवादी का क्या मतलब है  - SOCIALIST -

जिस विचारधारा  में समाज व समानता के प्रत्येक आयाम शामिल हो ,समाज में व्याप्त सभी समानता इसमें जुड़ी  होती है ,चाहे वो सम्पति ,लिंग ,धर्म  ,जाति प्रतिष्ठा संसाधन की समानता हो। 

यह विचारधारा  अपने कुछ सामाजिक लक्ष्यों के लिए जानी जाती है। भारत में समाजवाद लोकतांत्रिक समाजवाद की  विचारधारा है। 


4. पंथनिरपेक्ष क्या है - SECULAR - 

जैसा की  आपको मालूम है। भारतीय संविधान में पंथनिरपेक्ष शब्द शामिल नहीं था। पर 42 वें 1976 संविधान संशोधन के द्वारा भारतीय संविधान में पंथनिरपेक्ष शब्द जुड़ा।  

इस  शब्द का मतलब राजनीति में संविधान का कोई अपना धर्म नहीं। धर्म से अलगाव अर्थात राज्य का अपना कोई  राजनीतिय धर्म नहीं होगा और न ही धर्म के नाम पर किसी नागरिक के साथ भेदभाव किया जायगा। 

भारतीय  समाज में इतिहास काल से ही बहुत धर्म बहु संस्कृति थी इन सब के होते हुए भी भारतीय संविधान किसी  धर्म ग्रंथ को प्राथमिकता नहीं देता। वह  पंथनिरपेक्षता को वरीयता देता है। हालाँकि भारतीय संविधान आपको  मूल अधिकार के अंतर्गत धार्मिक मामलो में अधिकार देता है।  जो की अनुच्छेद 25 -28 में वर्णित है। 


5. लोकतंत्रात्मक - democratic 

लोकतंत्रात्मिक व्यवस्था का सीधा मतलब शासन संचालन की शक्ति संप्रभुता भारत की जनता  के हांथो में हो। लोकतांत्रिक समय के साथ नये आयामों को जोड़ता है व और भी सरल व लोकहित बनता जाता है। 


6. गणराज्य शब्द का क्या मतलब है - republic 

गणराज्य का अर्थ है।  देश का राज्याध्यक्ष निर्वाचित होगा न की नियुक्त होगा जैसा ब्रिटेन के सम्राट की तरह। भारत का कोई भी नागरिक यदि योग्यता पूरी करता है तो किसी भी पद पर नियुक्त हो सकता है यहाँ तक की राज्याध्यक्ष  के पद पर भी आसीन हो सकता है। 


7. न्याय  JUSTICE

न्याय के अंतर्गत सामाजिक आर्थिक ,राजनितिक न्याय शामिल होता है। सभी के साथ  समान  व्यवहार हो ,न्याय निष्पक्ष हो तथा देश में किसी भी प्रकार से व्यक्तियों से भेदभाव न हो। 

निर्वाचन व प्रतिनिधित्व में भेदभाव ,अधिकारों में भेदभाव ,शिक्षा ,व्यवहार में असमानता न रहे जिससे सभी का विकाश व कल्याण  के साथ राष्ट्र मजबूत बन सके। 


8. स्वतंत्रता  क्या है - what is liberty 

स्वतंत्रता  का मतलब है की व्यक्ति अपने अधिकारों के साथ स्वतंत्र जीवन की परिकल्पना कर सके उसे एक स्वतंत्र जीवन मिल सकें। उसकी गतिविधियों पर किसी भी प्रकार से हस्तक्षेप न हो। उसे उसके विकास के लिए सभी संसाधन उपलब्ध हो। 

हमारे संविधान की प्रस्तावना में व्यक्ति के लिए ,विचार ,अभिव्यक्ति ,विश्वास ,धर्म और उपासना की स्वतंत्रता को  उजागर करता है हमें अधिकार प्रदान करता है। इन सब अधिकारों के बीच हम अपनी स्वतंत्रता को कायम रख  सकते है साथ ही उनकी रक्षा न्यायालय करता है 


9. समता Equality - 

समता का सीधा मतलब समानता से है समानता तीन तरह की प्रमुख है सामाजिक समानताएँ ,राजनितिक और आर्थिक समानताएँ ,प्रस्तावना में भी समता की बात कहीं गई है जो प्रतिष्ठा और अवसर की समता का उल्लेख कर रही है।  जिसका मतलब यह की समाज में किसी भी वर्ग के लिए बिना किसी  भेदभाव के प्रत्येक व्यक्ति को समान अवसर मिलने से है  

भारतीय संविधान ने समानता को लेकर अनुच्छेद  14 से 18 तक कुछ अधिकार दिए। जिसमे लिंग ,वंश ,जाति ,धर्म ,आदि के भेदभाव को ख़त्म कर समानता का अधिकार दिया गया है। 


10. बंधुत्व - fraternity - 

बंधुत्व का सीधा मतलब  देश के नागरिक में एकता और समानता के भाव को  जागृत करना और इस मजबूत करना। 


11. राष्ट्र की एकता और अखंडता -  unity and integrity of the nation 

भारत एक बहु संस्कृतिक व धर्मो का  देश है इतने धर्म एवं भाषाओँ के साथ एकता और अखंडता को बनाए रखना एक बड़ी बात है  और चुनौती भी। इसी लिए  अनुच्छेद 51 क के तहत व्यक्तियों के कुछ मौलिक कर्तव्य है जिसमे राष्ट्र की एकता व अखंडता को बनाए रखना सबका कर्तव्य भी है।   


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