आर्थिक नियोजन - ECONOMIC PLANNING IN INDIA,OBJECTIVE OF ECONOMIC PLANNING





आर्थिक नियोजन - ECONOMIC PLANNING IN INDIA 

देश एवं राज्य के विकाश के लिए आवश्यक सम्पदा और सेवाओं का योजनाबध्द पूर्वानुमान लगाना और आर्थिक सम्पदा एवं विकाश के लिए उन्हें क्रियान्वित करना। 


आर्थिक नियोजन किसी भी देश के लिए आवश्यक होता  है इसी लिए आर्थिक नियोजन में सामजिक नियोजन की अवधारणा स्वयं ही शामिल होती है क्योंकि कोई भी आर्थिक नियोजन का सीधा मकसद समाज के कल्याण एवं विकाश से होता है। 


आर्थिक नियोजन को कल्याणकारी राज्य के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक समझा जाता है इसके माध्यम से ही राज्य अपनी सारी योजनाएँ तैयार करना है व इनका पूर्वानुमान सुनिश्चित करता है। देश की आर्थिक विकाश की गति तथा कार्यों के लिए आर्थिक नियोजन का उपयोग किया जाता है इसे आवश्यक समझा जाता है। 


"अर्थव्यवस्था का ऐसा प्रबंधन जो राष्ट्रहित और उपलब्ध संसाधनों का अनुकूलतम उपयोग के साथ निरंतरता सुनिश्चित करे नियोजन कहलाता है"


किसी भी नियोजन में सामाजिक लक्ष्यों की प्राप्ति प्राकृतिक का विवेकपूर्ण ढंग से उपयोग ,आर्थिक एवं मानवीय संसाधनों का उचित प्रयोग ये सब समाहित होते है। 


आर्थिक नियोजन से सम्बंधित प्रमुख तथ्य - कैसे विकसित किया गया आर्थिक विकाश को -

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  • भारत में सबसे पहले वर्ष 1934 में सर. एम. विश्वेश्वरैया ने 'भारत के लिए नियोजन अर्थववस्था' [PLANNED ECONOMY FOR INDIA] नामक पुस्तक लिखी ,
  • इस पुस्तक में उन्होंने भारत के नियोजित विकाश के लिए 10 वर्षीय कार्यक्रम के रुपरेखा तैयार कर प्रस्तुत किया था। 
  • इसके बाद सन 1938 में पं. जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में एक 'राष्ट्रीय नियोजन समिति' का गठन किया गया। 
  • आगे चल कर 1944 में हमारे सामने बॉम्बे प्लान आया ,जिसे 8 उद्योगपतियों ने 15 वर्षीय कार्यक्रम के तहत योजना तैयार किया ।
  • श्री मन्नारायण ने सन 1944 में एक योजना तैयार की जिसे 'गाँधीवादी योजना ' कहते हैं। 
  • जनवरी 1950 में जयप्रकाश नारायण ने एक योजना सर्वोदय योजना तैयार की। इसे कुछ अंश को स्वीकार किया गया.
  • 15 मार्च 1950 को भारत सरकार ने एक प्रस्ताव द्वारा योजना आयोग का गठन किया। जिसका अध्यक्ष प्रधानमंत्री होता है। 
  • योजना आयोग को  बदल कर 1 जनवरी 2015 को प्रधानमंत्री की  अध्यक्षता में नीति आयोग का गठन किया।
  • स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् भारत के सुनियोजित विकास के लिए नियोजन प्रणाली अपनाई गई। 
  • भारत में नियोजित आर्थिक विकास का सन 1951 में प्रथम पंचवर्षीय योजनाओं के शुभारम्भ होने  से हुआ। इन पंचवर्षीय योजनाओ के माध्यम से ही लक्षित योजनाए बनाई जाती है और उन्हें  क्रियान्वित किया जाता है। आर्थिक नियोजन की आवश्यकता सबसे ज्यादा इन योजनाओ के बनाने के लिए होती है। 


आर्थिक नियोजन के  उद्देश्य - OBJECTIVE OF ECONOMIC PLANNING 
  • प्रकृति का  संसाधनों का  विवेकपूर्ण  उपयोग 
  • गरीबी और बेरोजगारी को काम करते हुए उसे शून्य करना 
  • आवश्यक और  जरुरी  विकाश को सुनिश्चित करना। 
  • उद्योगो के साथ  कृषि को सशक्त बनाना। 
  • समाज की न्यायिक व्यवस्था के साथ  जन कल्याण एवं विकाश को आधार  प्रदान करना। 
  • कल्याणकारी राज्य की कल्पना को  साकार रूप प्रदान करना। 

आर्थिक नियोजन की आवश्यकता  क्यों -  
WHY THE NEED FOR REQUIREMENT OF PLANNING -
  • हमें आर्थिक नियोजन की आवश्यकता  हमारी बेरोजगारी और गरीबी को  कम करने के लिए  होती है ताकि सुनियोजित तरीके से विकाश के कार्यो को शासन मूर्त रूप दे सके। 
  • प्रति  व्यक्ति  आय के साथ  निम्न  उपभोग स्तर को बढ़ाने के लिए। 
  • औद्योगिककरण ,व्यापार ,के साथ  आर्थिक विकाश  के अभाव को समाप्त करने के लिए। 
  • आर्थिक नियोजन की आवश्यकता शिक्षा ,ऊर्जा , कृषि ,स्वास्थ्य ,ग्रमीण संरचना  को  मजबूत बनाने के लिए उन्हें बेहतर से बेहतर बनाने के लिए  होती है। 
  • आर्थिक  विकाश की आवश्यकता किसी भी राज्य के लिए इस लिए  होती है।  औद्योगिककरण की धीमी वृद्धि ,दोषपूर्ण योजना ,मजदूरों की अस्थिरता ,जनसंसख्या में तीव्र वृद्धि  ,निवेश की कमी ,को दूर कर एक समृद्धिसाली राज्य को बनाने के लिए आर्थिक  विकाश की आवश्यकता होती  है। 

नियोजन की विशेषता - FEATURES OF PLANNING

  • भारतीय  आर्थिक  नियोजन की प्रकृति  निदेशात्मक  है। 
  • नियोजन  देश की आर्थिक समृद्धि  एवं सम्पन्नयता को  सुनिश्चित और  प्रोत्साहित करती है। 
  • सुनियोजित  कल्याणकारी योजनाओ क पुर्वानुमान लगाना  उन्हे तैयार करना। 
  • लक्षित कार्यों को नीतिगत बनाना  उन्हे पूर्ण करना। 
  • इसका  ढंग  कल्याणकारी  विकेन्द्रीकृत  है। 
  • समाजवादी और पूंजीवादी  तत्वों का समन्वय करना  उन्हें समावेशी विकाश  से जोड़ना। 
  • उदारीकरण  ,निजीकरण ,एवं वैश्वीकरण के साथ  आर्थिक सुधार  को बढ़ावा देना। 
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