जानिए असम राज्य से सम्बंधित रोचक जानकारी

 



जानिए असम राज्य से सम्बंधित रोचक जानकारी -

  • असम राज्य का क्षेत्रफल 78,438 वर्ग किमी. है। 
  • असम की राजधानी दिसपुर है 
  • असम की जनसंख्या 3,11,69,272  है [2011 के अनुसार ]
  • राज्य की प्रमुख भाषा को देखे तो प्रमुख रूप से असमिया [ संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल ] है। इसके अलावा बंगाल ,उड़िया ,हिंदी ,मुंडारी और नेपाली आदि भाषाएँ भी बोली जाती हैं 
  • इस राज्य की भौगोलिक स्थिति को देखें तो इसके उत्तर में भूटान और अरुणांचल प्रदेश ,पूर्व में मणिपुर ,नागालैंड और अरुणांचल प्रदेश और दक्षिण में मेघालय ,मिजोरम और त्रिपुरा राज्य है जबकि पश्चिम में बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल है। 
  • इस राज्य के प्रथम राज्यपाल श्री गोपीनाथ बरदोलोई तथा प्रथम मुख्यमंत्री श्री अकबर हैदरी थे। 
  • यह असम राज्य संस्कृति की दृष्टि से एक विशेष राज्य है। बिहू यहाँ का प्रमुख पर्व है। इसे साल में तीन बार मनाया जाता है रंगोली बिहू [फसल बुवाई का प्रतीक ],भोगली बिहू [फसल कटाई का पर्व ] काती बिहू [शरद ऋतु का मेला ]
  • कामाख्या मंदिर माँ कामाख्या का भव्य और दिव्य मंदिर असम में ही है 
  • यहाँ शिवरात्रि का मेला ,अशोक अष्टमी मेला ,परशुराम मेला, ढोल जात्रा ,ईद, क्रिसमस, दुर्गापूजा राज्य के धार्मिक उत्सव एवं त्यौहार हैं। 
  • असमिया साहित्य में हेम सरस्वती ,माधव ,कंदली शंकर देव ,हेमचन्द्र गोस्वामी ,लक्ष्मीनाथ बैजवआ ,नलनीवाला देवी देवकांत बरुआ ,डॉ वीरेंद्र कुमार आदि प्रमुख साहित्यकारो का विशेष योगदान है। 
  • संसार का सबसे बड़ा नदीद्वीप "माजूली " असम राज्य में ही है।  
  • संसार का सबसे छोटा नदी द्वीप " उमानंद " दोनों ही असम में हैं 
  • गुवाहाटी का चाय नीलामी केंद्र विश्व का सबसे बड़ा सी टी सी चाय नीलामी केंद्र है। 
  • असम विश्व का सबसे बड़ा एवं सुनहरे रंग के प्रतिष्ठासूचक "मूंगा सिल्क " का एकमात्र उत्पादक राज्य है। 
  • असम देश का पहला राज्य है जहाँ सन 1889 में डिगबोई में तेल पाया गया था। 
  • चीनी यात्री हेनसांग ने इस प्रदेश के बारे में लिखा है - यहाँ  भूमि उर्वरा है। जलवायु आद्र और उष्ण है। नहरें सदा बहती रहती है। 
  • असम का पहला शासक महीरंगा दानव को माना जाता है जो दानव वंश का था। 
  • असम के प्रमुख तीर्थस्थल में कामाख्या मंदिर ,उमानंदा ,नवग्रह मंदिर वशिष्ठ आश्रम ,डोल गोविन्द ,काजीरंगा नेशनल पार्क ,तेजपुर ,माजुली ,हाजी [बौद्ध -हिन्दू और मुस्लमान की मिलन स्थली ] बताद्रव आदि 
  • पौराणिक कथाओं में असम का नाम "प्राग्ज्योतिष "सामने आया है। इसे कहीं कहीं कामरूप भी कहा जाता था 
  • असम में शैव तांत्रिको का काफी प्रभाव था कामाख्या देवी की पूजा इसका प्रमाण है। 
  • 15 वीं शताब्दी में शंकर देव् ने इस प्रदेश में वैष्णव धर्म का प्रचार प्रसार किया था। 
  • सबसे  पहले असम में आर्यों का कब्ज़ा रहा बाद में इस प्रदेश पर मंगोलो का अधिकार कर लिया था। पुराणों में इसे भगवान विष्णु और धरती का बेटा बताया गया है 
  • गुप्त सम्राट समुद्रगुप्त की प्रशस्ति में असम का उल्लेख है। इस समय इस प्रदेश का राजा समुद्र वर्मा सम्राट समुद्रगुप्त का समकालीन था। 
  • महात्मा गाँधी ने 1921 ई. में असम की यात्रा की थी। 
  • बिहू नृत्य के समय लोग घर घर जाकर "हुचरि" गीत गाते हैं 
  • एशिया भर में पेट्रोलियम का पहला कुआँ इसी प्रदेश में माकम नामक स्थान पर 1867 में खोदा गया था। 
  • गुवाहाटी असम के साथ सम्पूर्ण पूर्वोत्तर का प्रवेशद्वार माना जाता है। 
  • राज्य का प्रतीक चिन्ह एक सींगवाला भारतीय गैंडा है। 
  • ऊपरी असम  में 'खरीशा ' नामक एक विशेष प्रकार का अचार बनाया जाता है जो बांस की कोपलों से तैयार किया जाता है। 
  • तुसु पूजा असम की चाय जनजातियों द्वारा मनाया जानेवाला सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार है। 
  • भारत के सातवें राष्ट्रपति श्री फखरुद्दीन अली अहमद असम प्रदेश के ही थे। 
  • असम में प्रथम महाविद्यालय "काटन कालेज " 1901 गुवाहाटी में था। 
  • असम  की पहली महिला मुख्यमंत्री सैय्यदा अनवरा तैमूर है 
  • डॉ. भूपेन हजारिका असम के पहले व्यक्ति है जिन्हे 1992 ई. में "दादा साहब फाल्के सम्मान " से अलंकृत किया गया। 
  • बिरेन्द्र कुमार भट्टाचार्य पहले असमिया साहित्यकार हैं जिन्हें उनकी रचना मृत्युंजय के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है 
  • असमकेसरी के नाम से श्री अम्बिकागिरी राय चौधरी को जाना जाता है। 
  • संगीत सूर्य या संगीत सम्राट श्री डॉ. भूपेन हजारिका को कहा जाता है। अभी हॉल ही में इन्हे भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया है 
  • पूर्वोत्तर भारत का सबसे ऊँचा शिव मंदिर "शिवदोल" असम के शिवसागर में स्थित है। इसकी ऊंचाई 37 मीटर है 
  • श्री सूर्य पहाड़ असम का वह एकमात्र स्थान है जहाँ देवी मनसा की बारह भुजाओं वाली प्रतिमा पाई गई है। 
  • सूर्य पहाड़ के तल में लगभग 99,999 शिवलिंग स्थापित किय गए है। ताकि ग्वालपाड़ा को दूसरी "काशी "बनाया जा सके। 
  • भैंसा को अंबुवासी मेले के दौरान बलि चढ़ाने की प्रथा है। 

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